फैटी लीवर की समस्या इन दिनों तेजी से बढ़ रही है. इसके मामले बहुत कम उम्र में सामने आते हैं. बदलती जीवनशैली के कारण 30 से 40 साल की उम्र में लोग फैटी लीवर का शिकार हो रहे हैं. फैटी लीवर के लिए शराब अत्यधिक जिम्मेदार है. लेकिन इसके लिए हमारी खराब जीवनशैली को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. बेहतर होगा कि आप इस बीमारी को शुरुआती दौर में ही पकड़ लें तो इससे होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं.
फैटी लीवर के प्रकार
फैटी लीवर को दो प्रकारों में विभाजित किया गया है: अल्कोहलिक फैटी लीवर और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर. अल्कोहलिक फैटी लीवर अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है. लेकिन नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर के कई कारण होते हैं.
फैटी लीवर का खतरा सबसे ज्यादा किसे है?
मोटापा
मोटापा एक ऐसी समस्या है जो शरीर में कई बीमारियों को बढ़ाती है, जिनमें मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर शामिल हैं.
अनहेल्दी डाइट
जंक फूड, मैदा, लाल मांस, मिठाई और वसा खाने से भी गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग का खतरा बढ़ सकता है.
अनहेल्दी लाइफस्टाइल
अनहेल्दी लाइफस्टाइल, जिसमें कम शारीरिक गतिविधि भी शामिल है, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग के खतरे को भी बढ़ा सकती है.
टाइप-2 मधुमेह
टाइप-2 मधुमेह, इंसुलिन प्रतिरोध और मेटाबोलिक सिंड्रोम वाले व्यक्ति में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर भी विकसित हो सकता है.
आपके परिवार में कोई
अगर आपके परिवार में कोई इस समस्या से जूझ रहा है तो आपको भी हो सकती है.
फैटी लीवर से बचने के उपाय