Madhya Pradesh News: भाजपा शासित कई राज्यों में कथित रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने के बहाने बंगाली भाषा बोलने वाले मुसलमानों को तकलीफ में डाला जा रहा है. उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. इस तरह का अभियान असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत मध्य प्रदेश में चलाए जा रहे हैं. ये सभी भाजपा शासित राज्य हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला में असम और पश्चिम बंगाल के निवासियों का सत्यापन किया जा रहा है. इस अभियान को पूरा करने के लिए प्रशासन के तरफ से खास टीम बनाई गई है.
बीते मंगलवार को ग्वालियर के एसपी सिटी रॉबिन जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "ग्वालियर जिले में रहने वाले असम और पश्चिम बंगाल के लोगों की पहचान की जा रही है और सत्यापन के लिए टीमें उनके मूल स्थानों पर भेजी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की टीमें असम और पश्चिम बंगाल जा रही हैं और अगर कोई गलत पता बताकर यहां अवैध रूप से रहता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इसके साथ ही बीते शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि दक्षिण सलमारा मनकाचर जिला पुलिस ने आठ अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस भेज दिया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा की अवैध घुसपैठ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है. कल रात, @SSalmaraPolice ने 8 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस खदेड़ दिया. @assampolice भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने की इन सभी कोशिशों को विफल करने के लिए कड़ी निगरानी रख रही है.
बांग्लादेशी घुसपैठिए के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और असम के मुख्यमंत्री के बीच सोशल मीडिया पर वार पलटवार भी हो चुका है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाली भाषी लोगों के खिलाफ असम में उत्पीड़न का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा की आलोचना की. वहीं, CM हिमंत बिस्वा ने CM ममता को जवब देते हुए कहा कि उनका अभियान अवैध मुस्लिम घुसपैठ को रोकने के लिए है, न कि बंगाली नागरिकों के खिलाफ.
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