Maharashtra News: देशभर में गौरक्षकों का कहर जारी है. रोजाना कहीं न कहीं गौहत्या के शक में मुसलमानों की मॉब लिंचिंग हो रही है. इस बीच, महाराष्ट्र में गौरक्षकों के हमलों और पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर कुरैश समुदाय ने एक बड़ा फैसला लिया है. कुरैश समुदाय ने ऐलान किया है कि 11 जुलाई से भैंस और बैल सहित बड़े जानवरों के मांस की खरीद और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
ऑल इंडिया कुरैश जमीयत ने इसे "करो या मरो" की लड़ाई बताते हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. यह फैसला केवल मांस व्यापारियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े किसानों, मजदूरों और कारीगरों की आजीविका से भी जुड़ा है, जो अब प्रशासनिक और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
संगठन के प्रवक्ता एडवोकेट असीम कुरैशी ने बताया कि तथाकथित गौरक्षकों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार, अवैध छापेमारी और पुलिस उत्पीड़न के विरोध में यह कदम उठाया गया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बड़े जानवरों के मांस का व्यापार पूरी तरह से वैध है, फिर भी व्यापारियों को निशाना बनाकर भय के माहौल में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
जमीयत के अध्यक्ष ने क्या कहा?
औरंगाबाद जमीयत के अध्यक्ष हाजी ईसा कुरैशी ने कहा कि यह कोई सांप्रदायिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि रोज़गार, स्वाभिमान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन है. उन्होंने कहा कि इस उद्योग से न सिर्फ कसाई, बल्कि किसान, चमड़ा उद्योग और हड्डी व्यवसाय से जुड़े हज़ारों लोग जुड़े हैं, जिनकी आजीविका खतरे में है.
कुरैशी समुदाय ने किया बड़ा ऐलान
जलगांव ज़िले में भी कुरैशी समुदाय ने इस विरोध प्रदर्शन को गंभीरता से आगे बढ़ाया. चालीसगांव तालुका और बरखेड़ी बाज़ार में विरोध प्रदर्शन के तहत प्रशासन को एक लिखित ज्ञापन सौंपा गया. हाजी ज़ाकिर खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछले कुछ हफ़्तों से बाज़ार बंद है और प्रशासन को इसकी पूरी जानकारी है. वहीं, शुक्रवार की नमाज़ के बाद तहसील कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बताया गया कि समुदाय को जाति और व्यवसाय के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है.
कुरैश ने दे डाली चेतावनी
मालेगांव में भी जमीयत-उल-कुरैश, बीफ़ कंपनियों और कमीशन एजेंटों की एक संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से कारोबार बंद करने का फैसला लिया गया. फैसले का उल्लंघन करने पर 50,000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है. यह जानकारी सोशल मीडिया के ज़रिए पूरे राज्य में फैलाई जा रही है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस मुहिम से जुड़ सकें.