trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02018391
Home >>Zee Salaam ख़बरें

महुआ मोइत्रा निवास मामला: 4 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट फिर से याचिका पर करेगा सुनवाई

महुआ मोइत्रा ने हाल ही में निचले सदन से निष्कासन के बाद सरकार द्वारा अपने अधिकारिक बंगले को खाली करने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट में अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि लोकसभा से उनके निष्कासन के बाद डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स का आदेश जारी किया गया है.

Advertisement
महुआ मोइत्रा निवास मामला: 4 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट फिर से याचिका पर करेगा सुनवाई
Shivani Thakur |Updated: Dec 19, 2023, 04:01 PM IST
Share

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को सरकार द्वारा उनके अधिकारिक  बंगले को खली  करने को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर उस समय झटका लगा जब दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई अगले साल 4 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी. आपको बता दें कि महुआ मोइत्रा पर "अनैतिक आचरण" का आरोप लगाया गया था और 8 दिसंबर, 2023 को बिज़नस मेन दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार स्वीकार करने और उनके साथ संसद वेबसाइट की अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. साथ ही साथ उन्हें अपने अधिकारिक निवास को 7 जनवरी तक खली करने के आदेश भी दिए गए थे. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ रुख किया था.

क्या कहती है मोइत्रा की याचिका?
 मोइत्रा की याचिका में आग्रह किया गया कि डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स  11 दिसंबर के आदेश को रद्द कर दे  या वैकल्पिक रूप से मोइत्रा को 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने  तक आवास पर रहेने की अनुमति दी जाए. अदालत के समक्ष अपनी याचिका में मोइत्रा ने कहा कि डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स का आदेश लोकसभा से उनके निष्कासन के बाद जारी किया गया है.
याचिका के अनुसार, "आक्षेपित आदेश समय से पहले है क्योंकि याचिकाकर्ता के निष्कासन की वैधता भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है."

मोइत्रा ने यह भी कहा कि दिल्ली में वे अकेली रह रही हैं और उनके पास यहां कोई अन्य निवास स्थान या वैकल्पिक आवास नहीं है और यदि उन्हें सरकारी आवास से बेदखल किया जाता है, तो उन्हें चुनाव प्रचार के कर्तव्यों को पूरा करना होगा और साथ ही नया निवास भी ढूंढना होगा. जिससे याचिकाकर्ता पर भारी बोझ पड़ेगा. इस प्रकार, वैकल्पिक रूप से, याचिकाकर्ता प्रार्थना करती है कि उसे 2024 के आम चुनावों के नतीजे आने तक अपने वर्तमान घर में रहने की अनुमति दी जाए.  याचिका में आगे यह भी  कहा गया कि  अगर उन्हें अनुमति दे दी जाती है तो वह ठहरने की विस्तारित अवधि के लिए लागू होने वाले किसी भी शुल्क का भुगतान करने के लिए तत्पर होगी. 

मोइत्रा ने यह भी कहा कि वे 2019 में पहली बार पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनी गईं और उनकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भी उन्हें वहां से अपना उम्मीदवार चुना. इसे मैं चूंकि लोकसभा से उनका निष्कासन उन्हें चुनाव में भाग लेने से नहीं रोक सकता  है, इसलिए वह फिर से चुनाव लड़ेंगी और अपना समय और ऊर्जा अपने मतदाताओं पर केंद्रित करेंगी.

Read More
{}{}