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खड़गे ने कर्नाटक इकाई को दी नसीहत, कहा- 'दूसरे दलों से नेताओं को पार्टी में लाते वक्त रहें सावधान'

Karnataka Politics: पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार के पार्टी छोड़ने और कांग्रेस से फिर भाजपा में शामिल होने को लेकर खड़गे ने पार्टी हेडक्वार्टर में अपने खिताब में कहा कि दूसरे राजनीतिक दलों से नेताओं को लाकर पार्टी को मजबूत करना अच्छी बात है, लेकिन उनकी वफादारी को वेरिफाइड करना भी बहुत जरूरी है.  

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खड़गे ने कर्नाटक इकाई को दी नसीहत, कहा- 'दूसरे दलों से नेताओं को पार्टी में लाते वक्त रहें सावधान'
Md Amjad Shoab|Updated: Jan 26, 2024, 11:20 PM IST
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Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने प्रदेश इकाई के नेताओं को कई नसीहत दी. खासकर खड़गे ने पार्टी के कर्नाटक नेतृत्व से पार्टी में दूसरे दलों से लाए गए नेताओं की विचारधारा और बैकग्राउंड का उचित मूल्यांकन करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि ऐसी हालात नहीं होनी चाहिए कि वे आज आएं और कल चले जाएं.

पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार के पार्टी छोड़ने और कांग्रेस से फिर भाजपा में शामिल होने को लेकर खड़गे ने पार्टी हेडक्वार्टर में अपने खिताब में कहा कि दूसरे राजनीतिक दलों से नेताओं को लाकर पार्टी को मजबूत करना अच्छी बात है, लेकिन उनकी वफादारी को वेरिफाइड करना भी बहुत जरूरी है.

खड़गे ने क्या कहा?
उन्‍होंने कहा, "ग्रामीण इलाकों में जानवरों की खरीद के वक्त वे (खरीदार) कई बार सोचते हैं और उनके वजन, माप की जांच करते हैं. इसी तरह, दूसरे दलों के नेताओं को कांग्रेस में लाते वक्त भी सावधानी बरतनी चाहिए. उनके कैरेक्टर का पता लगाना अहम है."

खड़गे ने आगे कहा, "कांग्रेस पार्टी विचारधारा और सिद्धांतों के बुनियाद पर खड़ी है. पार्टी के कई नेताओं ने देश की एकता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है. दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी ने पंजाब को उग्रवादियों के चंगुल से आजाद कराने के बदले 32 गोलियां खाई थीं और देश की एकता के लिए अपनी जान दे दी. दिवंगत पीएम राजीव गांधी ने प्रतिज्ञा ली थी कि भले ही उनका शरीर टुकड़ों में बंट जाए, लेकिन वह देश की एकता और अखंडता को कायम रखेंगे. वह झुके नहीं, उन्‍होंने जान देकर अपना वादा पूरा किया."

अंबेडकर का कहा हुआ कथन सच हो रहा है; खड़गे 
उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी गरीबों, मजदूरों, छात्रों, महिलाओं, SC और ST समुदायों के बारे में चिंतित है. कई देशों में खास तौर पर विकसित देशों में हाल के दो से तीन दशकों तक महिलाओं को वोटिंग का अधिकार नहीं दिया गया था. लेकिन, इस देश में दुनिया में पहली बार संविधान लागू होने पर महिलाओं को वोटिंग का हक दिया गया. अंबेडकर ने कहा था कि संविधान को लागू करने वाले लोग सही लोग होने चाहिए, तभी इसका प्रभाव अच्छा होगा नहीं तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे. साल 1949 में अंबेडकर का कहा हुआ कथन आज सच हो रहा है. जैसा कि लोग इसे लागू कर रहे हैं, संविधान में अच्छे इरादे नहीं हैं, देश कई संकट स्थितियों का सामना कर रहा है."

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