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भुखमरी और तंगहाली के शिकार दिल्ली के इमाम,17 महीने से नहीं मिला वेतन; पहुंचे CM के घर

Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से आज इमामों का एक डेलीगेशन मुलाकात करने वाला है. यब मुलाकात सैलरी से मुताल्लिक होने वाली है. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.

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भुखमरी और तंगहाली के शिकार दिल्ली के इमाम,17 महीने से नहीं मिला वेतन; पहुंचे CM के घर
Sami Siddiqui |Updated: Dec 26, 2024, 01:28 PM IST
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Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से आज मस्जिद के इमाम का एक डेलीगेशन मुलाकात करने वाला है. यह मुलाकात सैलरी को लेकर होनी है. रिपोर्ट के मुताबिक ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन का एक दल केजरीवाल के घर पर शिरकत करेगा.

क्या है पूरा मामला

अरविंद केजरीवाल से यह मुलाकात 17 महीने से रुके वेतन को लेकर होने वाली है. AIIA के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी के मुताबिक 10 लोगों के डेलिगेशन पूर्व सीएम से मिलने वाला है, जिसकी इजाज़त पुलिस से मिली है. उन्होंने इस दौरान बताया कि करीब 250 इमाम हैं, जिन्हें 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है.

इमामों की सैलरी किसकी जिम्मेदारी?

मस्जिद के इमामों की सैलरी दिल्ली के वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी है, जो दिल्ली सरकार के अंदर आता है. 17 महीनों से सैलरी न आने से इमाम काफी परेशान हैं और आखिर में उन्होंने केजरीवाल के दरवाजे पर जाने का फैसला किया है. इमामों की मंथली सैलरी 16 हजार से 18 हजार के बीच होती है.

इस दौरान उन्होंने कहा मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "हम 17 महीनों से लंबित अपने वेतन को जारी करने की मांग को लेकर यहां आए हैं. इससे करीब 250 इमाम परेशान हैं. उनका वेतन मात्र 18000 रुपये प्रति माह है. पिछले 17 महीनों से हमारा वेतन लंबित है." उन्होंने इस दौरान कहा कि इतना सब कुछ है, बच्चों का लालन पोषण है और कमरे का किराया है. वह इतनी सैलरी में कैसे करेंगे.

मौलाना साजिद रशीदी ने क्या कहा?

इस मसले को लेकर मौलाना साजिद रशीदी का कहना है कि वह इमामों की आवाज उठा रहे हैं और वह किसी राजनीति का हिस्सा नहीं हैं और न ही किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखते हैं. बिना सैलरी के इमामों का घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है. इसलिए वह अपने हक की बात रखने आए हैं. अब देखाना होगा कि इस मीटिंग से क्या हल निकलता है.

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