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MP की कमान संभालते ही एक्शन में मोहन यादव, धार्मिक स्थलों से जुड़े मामले में लिया फैसला

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में मोहन यादव ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली है. उन्होंने कमान संभालते ही कई फैसले लिए हैं. उन्होंने फैसला लिया है कि धार्मिक स्थलों पर स्पीकर की आवाज मानक के हिसाब से ही रहेगी.

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MP की कमान संभालते ही एक्शन में मोहन यादव, धार्मिक स्थलों से जुड़े मामले में लिया फैसला
Siraj Mahi|Updated: Dec 14, 2023, 08:44 AM IST
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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही डॉ. मोहन यादव ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. बुधवार की शाम हुई पहली कैबिनेट में कई फैसले लिए गए, जिनमें धार्मिक स्थलों पर निर्धारित मापदंड से ज्यादा तेज बजने वाले स्पीकरों को बैन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री यादव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद की तरफ से धार्मिक स्थल और दूसरे स्थानों पर स्पीकरों को गैर कानूनी तरीके से बजाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है.

साउंड पर पाबंदी
प्रदेश में धार्मिक स्थलों और दूसरे मकामों पर गैर कानूनी तरीके से बजाए जाने वाले लाउडस्पीकरों की जांच के लिए टीम बनाई गई है. नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई का फैसला लिया गया. 

विद्यालयों पर फैसला
मंत्रि-परिषद की तरफ से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर संचालित महाविद्यालयों को 'पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस' के रूप में उन्नयन किए जाने के ताल्लुक से फैसला लिया गया. इस वक्त प्रदेश में कुल 570 शासकीय महाविद्यालय हैं. प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर संचालित महाविद्यालयों में सभी संकायों में सुविधाओं में वृद्धि की गई है. अग्रणी व चिन्हित महाविद्यालयों को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस के रूप में उन्नयन किया जाएगा. मंत्रिपरिषद ने उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय व निजी विश्‍वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री व अंकसूची को डिजीलॉकर में अपलोड किए जाने का फैसला लिया है.

साइबर तहसील
मंत्रिपरिषद की तरफ से 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू करने का फैसला लिया गया है. प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की फेसलेश व्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है. इसे साइबर तहसील नाम दिया गया है. इसमें रजिस्ट्री के बाद क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है. खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है. 
इस समय यह व्यवस्था प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू है. इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है.

मंत्रिपरिषद ने गंभीर अपराधों और आदतन अपराधियों की पूर्व अपराधों में प्राप्त जमानत सीआरपीसी की धारा 437, 438, 439 के प्रावधान अनुसार न्यायालय से निरस्त करवाए जाने के ताल्लुक से फैसला लिया है.

खुले में नहीं बिकेगी मांस मछली
प्रदेश के नगरीय इलाकों में बिना लाइसेंस के खुले में अवैध रूप से मांस-मछली आदि का क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया और कहा गया कि इस संबंध में सघन अभियान चलाया जाएगा.

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