Sambhal Jama Masjid: संभल के शाही जामा मस्जिद का विवाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहा है. पिछले साल नवंबर के महीने में संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान प्रशासन और मुस्लिम समुदाय के बीच हिंसा भड़क गई थी. इस घटना के बाद प्रशासन शाही जामा मस्जिद वाले इलाके को संवेदनशील मानता है और यहां की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंध कर दी गई है, ताकि कोई सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े. वहीं, मुरादाबाद के कथित शिव सैनिकों ने संभल जामा मस्जिद में गंगा जल चढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है.
दरअसल, हिंदू संगठनों का दावा है कि संभल की शाही जामा मस्जिद असल में एक मंदिर है, जिसे तोड़कर मस्जिद की शकल दे दी गई है. इस बीच मुरादाबाद के कथित शिव सैनिकों के ऐलान के बाद मस्जिद की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. जामा मस्जिद परिसर के आसपास RAF और पुलिस का कड़ा पहरा है. इसके साथ ही जामा मस्जिद की ओर जाने वाले रास्तों की बेरिकेडिंग की गई है , लोगों को कड़ी जांच के बाद ही आगे जाने दिया जा रहा है.
बता दें कि मुरादाबाद के शिव सैनिकों की ओर से हर वर्ष संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए जलाभिषेक करने का ऐलान किया जाता है. हर साल की तरह इस साल भी बीते रविवार को कथित शिव सैनिकों ने ऐलान किया कि वे सोमवार को संभल की शाही जामा मस्जिद में जलाभिषेक करेंगे. हालांकि पुलिस बल ने उन शिव सैनिकों को मुरादाबाद में ही रोक दिया है.
गौरतलब है कि हिंदू संगठनों का दावा है कि संभल की शाही जामा मस्जिद, हरियर मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. वहीं, मुस्लिम समुदाय का कहना है कि शाही जामा मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई, बल्कि यह एक ऐतिहासिक स्थल है. यह मामला कोर्ट में है. इसके बावजूद शिव सैनिकों की ओर से जलाभिषेक करने का ऐलान सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा सकती है.