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Mukhtar Ansari Health: मुख्तार अंसारी की बिगड़ी हालत, अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती

Mukhtar Ansari Health: मुख्तार अंसारी की हालत बिगड़ गई है. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि उन्हें यूटीआई हुआ है, जिसकी वजह से पेट दर्द हो रहा था.

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Mukhtar Ansari Health: मुख्तार अंसारी की बिगड़ी हालत, अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती
Sami Siddiqui |Updated: Mar 26, 2024, 11:06 AM IST
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Mukhtar Ansari Health: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, उन्हें मंगलवार यानी आज तबीयत बिगड़ने की वजह से बांदा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि वह पेट में दर्द की शिकायत कर रहे थे. उनके बेटे उमर अंसारी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मेरे पिता मुख्तार अंसारी साहब को एक घंटे पहले ही बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत बेहद गंभीर है. कृपया उनके लिए प्रार्थना करें."

मुख्तार अंसारी की बिगड़ी तबियत

उनके वकील नसीम हैदर ने कहा,"कुछ रिपोर्टें लंबित हैं. उनकी हालत स्थिर है लेकिन उन्हें बोलने में दिक्कत हो रही है.'' अस्पताल के बाहर भारी सिक्योरिटी तैनात की गई है. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि अंसारी पिछले तीन दिनों से यूटीआई यानी पेशाब में इन्फेक्शन से पीड़ित हैं. 

उन्होंने कहा, "रात एक बजे मुख्तार अंसारी को जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों की सिफारिश के बाद उन्हें सर्जरी के लिए आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया है." मुख्तार अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक चुने गए हैं, जिसमें दो बार उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट से चुनाव लड़ा.   उन्होंने 2017 में आखिरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा था.

अंसारी पर 60 मामले लंबित

अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नई दिल्ली और अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित हैं. 1990 में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल से संबंधित एक मामले में 13 मार्च को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. विशेष रूप से, यह आठवां मामला था जिसमें पूर्व विधायक को दोषी ठहराया गया है.

वाराणसी एमपी/एमएलए अदालत ने अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत आजीवन कारावास और धारा 420 (धोखाधड़ी) और 468 (फर्जीवाड़ा) के तहत सात साल की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही उन्हें शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत छह महीने कारावास की सजा भी सुनाई गई थी.

अंसारी और अन्य के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के जाली हस्ताक्षर के साथ डबल बैरल बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने की साजिश रची थी.

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