Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी के वकील की तरफ से उनकी हत्या किए जाने का इल्जाम लगाते हुए FIR दर्ज कराने के लिए बाराबंकी कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने मामला दर्ज नहीं किए जाने को लेकर एक एप्लीकेशन दाखिल किया. जबकि मुख्तार के वकील ने उसकी मौत मामले में राज्य सरकार की तरफ से दो तरह के बयान आने पर कोर्ट में अपनी बात रखते हुए FIR दर्ज करने की मांग की. वहीं, "अदालत ने प्रोसिक्यूशन और बचाव पक्षों की बहस सुनने के बाद मुख्तार अंसारी के वकील की तरफ से दिए गए एप्लीकेशन को खारिज कर दिया."
वहीं, मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि स्पेशल MPMLA कोर्ट के एडिशनल सेशन जज कमलकांत श्रीवास्तव ने मौत मामले में फर्स्ट इनफॉर्मेशन रिपोर्ट दर्ज करने के एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है. ऐसे में हम लोगों ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कहा कि लोवर कोर्ट के हकूक महदूद होने के चलते हमारी सुनवाई ठीक से नहीं हो सकी.
जबकि हाईकोर्ट के असाधारण अधिकार के चलते हमे पूरा विश्वास है कि वहां हमारी पिटीशन पर सुनवाई जरूर होगी. और, मुख्तार अंसारी की रहस्यमयी मौत मामले पर सरकार का जो ड्रामा चल रहा है, उसके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की हमारी मांग भी स्वीकार की जाएगी. मुझे यकीन है कि इस मामले की पूरी निष्पक्ष तरीके से जांच होगी.
सरकारी वकील मथुरा प्रसाद वर्मा के मुताबिक, "MPMLA कोर्ट में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध गैंगेस्टर का केस विचाराधीन है." उन्होंने बताया कि बीते 29 मार्च को मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन की तरफ से कोर्ट को एक एप्लीकेशन देकर FIR दर्ज किए जाने की मांग की गई थी,जिसमें मांग की गई थी, कि बांदा डिस्ट्रिक्ट जेल के सभी सीसीटीवी फुटेज और वाल कैमरे के भी फुटेज भी संरक्षित किए जाएं.
पेशी के दौरान इसी एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई, जिसमें राज्य सरकार के वकील मथुरा प्रसाद वर्मा ने FIR न दर्ज किए जाने की बात कहते हुए ऑब्जेक्शन एप्लीकेशन दाखिल किया. कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद साथ ही जेल की तरफ से भेजे गए अभिलेखों के बुनियाद पर बचाव पक्ष के एप्लीकेशन को निरस्त कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 8 अप्रैल तय की है