Women and Muslim in Modi Cabinet: लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ी जीत के बाद पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है. इसके साथ मोदी कैबिनेट में 72 मंत्रियों ने शपथ ली है. मोदी कैबिनेट में 2019 की कैबिनेट के मुकाबले इस कैबिनेट में औरतों की तादाद घटी है और अल्पसंख्यकों की तादाद बढ़ी है. नई मोदी सरकार में 72 मंत्रिपरिषद में केवल पांच अल्पसंख्यक चेहरे हैं, हालांकि, यह आंकड़ा 2019 की तुलना में बेहतर है. कैबिनेट में केवल सात महिलाएं मंत्रिपरिषद में जगह बना पाई हैं. यह संख्या पिछली कैबिनेट में 12 महिलाओं के मुकाबले कम है.
मुस्लिम मंत्री
यह गौरतलब है कि पीएम मोदी 3.0 कैबिनेट में एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं मिली है. आपको बता दें कि भाजपा ने केरल की मलप्पुरम सीट से अब्दुल सलाम को टिकट दिया था. लेकिन वह इस सीट से हार गए. यहां उन्हें UDF के नेता ईटी मोहम्मद बशीर ने शकस्त दी.
अल्पसंख्यक मंत्री
रविवार को शपथ लेने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के 5 मंत्री किरेन रिजिजू और हरदीप पुरी, दोनों कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, जॉर्ज कुरियन और रामदास अठवाले हैं. हालांकि, पिछली सरकार की तुलना में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व में थोड़ा सुधार हुआ है. 2019 में, चार अल्पसंख्यक चेहरे थे, रिजिजू, पुरी, मुख्तार अब्बास नकवी और हरसिमरत बादल. नकवी ने 2022 में इस्तीफा दे दिया था, जबकि बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने 2020 में एनडीए छोड़ दिया.
महिला मंत्री
PM मोदी की मंत्रिमंडल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 12 से घटकर 7 हो गया है. सीतारमण और अन्नपूर्णा के अलावा, पांच महिलाएं अब राज्य मंत्री हैं. पूर्व मंत्री अनुप्रिया पटेल और शोभा करंदलाजे हैं, इसके अलावा नए चेहरे रक्षा खडसे, सावित्री ठाकुर और निमुबेन भमानिया हैं.
2019 में महिला मंत्री
2019 के मंत्रिमंडल में, सीतारमण, स्मृति ईरानी और एक समय हरसिमरत बादल ने कैबिनेट पदों पर कब्जा किया था. इसके अलावा नौ राज्य मंत्री थी- निरंजन ज्योति, शोभा के, प्रतिमा भौमिक, अनुप्रिया पटेल, मीनाक्षी लेखी, रेणुका सरुता, भारती पवार, अन्नपूर्णा, दर्शना जरदोश. पिछली मोदी सरकार ने नारी शक्ति अधिनियम पारित किया था, जिसके तहत संसद में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य कर दिया गया था. हालांकि, इस अधिनियम का क्रियान्वयन परिसीमन प्रक्रिया के बाद होगा, जो 2026 में होने वाली है.