Maharashtra News: भारतीय जनता पार्टी के विवादित नेता और मंत्री नितेश राणे आए दिन मुस्लिम समुदाय और उनके संस्थाओं के खिलाफ बयानबाज़ी करते रहते हैं. इस वक्त महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद चल रहा है. इसी कड़ी में उन्होंने बीते बुधवार को अजान और मदरसों के खिलाफ एक आपत्तिजनक बयान दे दिया. इस बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है. वहीं, मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन ने एक अनोखा काम करते हुए नितेश राणे को मराठी भाषा में कुरान की एक प्रति भेजी है.
महाराष्ट्र के लातूर जिले के अहमदपुर से मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन ने महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे को स्पीड पोस्ट के जिरए कुरान की मराठी प्रति भेजी है. मौलाना मुफ्ती फाजिल ने कहा कि उन्होंने इसलिए कुरान की प्रति स्पीड पोस्ट की ताकि नितेश राणे इसे पढ़कर इस्लाम की सच्चई को समझ सकें.
मौलाना ने बताया क्यों भेजी कुरान की मराठी प्रति
मौलाना मुफ्ती फाजिल ने कहा, "हमने नितेश राणे को कुरान की मराठी प्रति इसलिए भेजी है ताकि वे इसे पढ़कर इस्लाम की सच्चाई और उसकी शिक्षाओं को समझ सकें. कुरान हर इंसान को शांति और भाईचारे का संदेश देता है. हमें उम्मीद है कि इस पाक किताब को पढ़ने के बाद वे भविष्य में इस तरह के बयान देने से बचेंगे. उन्होंने आगे कहा कि नितेश राणे के बयान, जैसे मुस्लिम टोपी, दाढ़ी या कुरान पर टिप्पणी, समाज में गलत संदेश फैलाते हैं. मुफ्ती ने कहा कि इंसान की पहचान उसकी जुबान और किरदार से होती है.
नितेश राणे ने दिया था ये विवादित बयान
बता दें कि नितेश राणे ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि मदरसों में उर्दू की जगह मराठी पढ़ाई जानी चाहिए और अजान मराठी में होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "मदरसों में असली पढ़ाई तभी होगी जब मराठी भाषा में पढ़ाई होगी, वरना वहां से केवल बंदूके ही निकलते हैं
नितेश राणे के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नितेश राणे के इस बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की थी कि नितेश राणे के खिलाफ कार्रवाई की जाए और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जाए.
मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन मुसलमानों के लिए करता है ये काम
मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन एक गैर-सरकारी संगठन है जो मुसलमानों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक विकास के लिए काम करता है. इस संगठन का उद्देश्य मुसलमानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना, मुस्लिम समाज में शिक्षा को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है.