श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उनका ये बयान हमले के दौरान एक जिपलाइन ऑपरेटर द्वारा "अल्लाहु अकबर" कहने के विडियो को गलत नियत से वायरल करने के बाद आया है. मुफ्ती ने कहा, "सोशल मीडिया पर कुछ लोग हैं, जो बहुत सांप्रदायिक हैं. जैसे हम 'जय श्री राम' या 'हे भगवान' कहते हैं, मुसलमान 'अल्लाहु अकबर' कहते हैं. जब हम किसी मुश्किल में होते हैं, तो हम 'अल्लाहु अकबर' कहते हैं. भारत सरकार को सोशल मीडिया पर जहर उगलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए."
हमले के दौरान "अल्लाहु अकबर" चिल्लाने वाले जिपलाइन ऑपरेटर मुजामिल के परिवार ने उसका बचाव किया है. मुजामिल के पिता अब्दुल अजीज ने कहा, "घटना के बाद उनका बेटा डरा हुआ था और रो रहा था." अब्दुल अजीज ने कहा, "फिलहाल मुजामिल पुलिस के पास है." जब मुजामिल के "अल्लाहु अकबर" कहने वाले वायरल वीडियो के बारे में पूछा गया, तो अजीज ने कहा, "तूफान आने पर भी हम अल्लाहु अकबर कहते हैं." अजीज ने कहा, "मुजामिल बस अपना काम कर रहा था और उसका कोई गलत इरादा नहीं था."
Another terrifying video from Pahalgam:
When terrorists were shooting tourists, zip line operator chanted ‘Allah Hu Akbar’ instead of saving tourists. People can be seen running to save their lives.
This is the REALITY of local Kashmiris. pic.twitter.com/93HH0hEZO6
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) April 28, 2025
इससे पहले दिन में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दी और मामले की गहन जांच की मांग की. उन्होंने कहा, "यह जांच का विषय है. मैंने भी वह वीडियो देखा है. इसकी जांच होनी चाहिए. सच्चाई सामने आनी चाहिए. वहां कोई सुरक्षा बल तैनात नहीं था." भारत सरकार को छोड़कर सभी को पता था कि वहां बड़ी तादाद में पर्यटक आ रहे हैं."
गौरतलब है कि "अल्लाहु अकबर" पर विवाद उस वक़्त शुरू हुआ जब गुजरात के पर्यटक ऋषि भट्ट का एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में, जब आतंकवादी हमला शुरू हुआ तो वह ज़िपलाइनिंग करते हुए दिखाई दे रहा था. अहमदाबाद में भट्ट ने दावा किया, "मेरे सामने 9 लोग ज़िपलाइनिंग कर रहे थे, लेकिन ऑपरेटर ने एक शब्द भी नहीं कहा. जब मैं ज़िपलाइनिंग कर रहा था, तो वह बोला और फिर गोलीबारी शुरू हो गई. इसलिए, मुझे उस आदमी पर संदेह है. उसने तीन बार 'अल्लाहु अकबर' कहा और फिर गोलीबारी शुरू हो गई. वह एक आम कश्मीरी जैसा लग रहा था." मैंने अपनी बेल्ट खोली और नीचे कूद गया, अपनी पत्नी और बेटे को लेकर भागने लगा. हमने लोगों को एक गड्ढे जैसी जगह पर छिपे हुए देखा, जिससे उन्हें आसानी से पहचानना मुश्किल हो गया."
गौरतलब है कि यह आतंकी हमला 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में हुआ था, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे.
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