Pahalgam terror attack: कश्मीर के पहलगाम में सैलानियों पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर अरशद मदनी ने बडा बयान दिया है, और इस हमले की मजम्मत की है. इस हमले में मृत लोगों के प्रति अपनी संवेदनाए व्यक्त की है, और घायलों के तुरंत स्वस्थ होने के लिए दुआ की है. साथ ही अरशद मदनी ने यह मांग की कि इस हमले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
इस्लाम में दहशतगर्दी के लिए कोई जगह नहीं- अरशद मदनी
उन्होंने कहा कि बेगुनाहों की हत्या करने वाले इंसान नहीं, बल्कि दरिंदे हैं. इस्लाम में आतंकवाद की कोई गुंजाइश नहीं है. दहशतगर्दी एक ऐसा नासूर है जो इस्लाम की अमन की पैगाम के खिलाफ है. मौलाना मदनी ने कहा कि दहशतगर्दी के खिलाफ आवाज़ उठाना हर सच्चे मोमिन (ईमानदार मुसलमान) का फर्ज़ है.
कश्मीरियों ने पीड़ितों की बचाई जान
वहीं, इस हमले के बाद कुछ नफरी लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पूरी मुस्लिम कम्यूनिटी के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने में जुट गए हैं. मौलाना मदनी ने इस मामले पर कहा कि इस दर्दनाक घटना को सांप्रदायिक रंग देना सरासर गलत है. बता दें कि मरने वालों में 3 मुस्लिम भी शामिल है, और हमले के दौरान स्थानीय लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कई पर्यटकों को बचाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
दुख में है कश्मीरी- अरशद मदनी
अरशद मदनी ने कहा कि हमले के बाद आधे घंटे तक किसी अधिकारी की गाड़ी मौके पर नहीं पहुंची थी, ऐसे वक्त में आम कश्मीरियों ने अपने घरों से बाहर निकलकर इंसानियत की मिसाल कायम की और धर्म की परवाह किए, हर घायल की मदद की. इस घटना ने कश्मीर के आम लोगों को झकझोर कर रख दिया है, वे गहरे दुख और गुस्से में हैं, जिसका इज़हार उन्होंने जगह-जगह मशाल जुलूस निकालकर किया है. यह स्पष्ट संकेत है कि आम कश्मीरी शांति, एकता और विकास चाहता है.
मदनी ने मीडिया को इन कामों से बचने की दी हिदायत
उन्होंने कहा कि आम कश्मीरी किसी भी तकरह की कट्टरता को स्वीकार नहीं करता. मौलाना मदनी ने मीडिया से भी अपील की कि वह एकतरफा और पक्षपाती रिपोर्टिंग से बचे. उन्होंने कहा कि यह वक्त नफरत फैलाने का नहीं, बल्कि एकजुट होकर सोचने का है कि पीड़ित के घावों पर कैसे मरहम लगाया जाए.