Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में 22 अप्रैल को आतंवादियों ने टूरिस्ट पर कायराना हमला किया. इस हमले में 26 सैलानियों की मौत हो गई. जबकि 12 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में हो रहा है. हमले के दौरान बेहद एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था.
सैलानियों ने दावा किया था कि उनपर हमले से पहले आतंकियों ने टूरिस्ट से उसका धर्म पूछा और गोली मार दी, जब आतंकवादी धर्म पूछकर सैलानियों को गोली मार रहे थे तब जम्मू-कश्मीर का एक नौजवान सैयद हुसैन शाह (Syed Hussain Shah) सहन नहीं कर पाया और निहत्थे आतंकियों से भीड़ गया, जिससे कई हिंदू सैलानियों की जान बच गई और उसकी जान चली गई.
कौन है हिंदुओं की जान बचाने वाला Syed Hussain Shah
सैयद हुसैन शाह (Syed Hussain Shah) पहलगाम के पार मौजूद अशमुकाम का रहने वाला था और वह देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट को अपने घोड़े से सैर करता था, इससे उनकी रोजी-रोटी चलती थी. सैयद हुसैन शाह 23 अप्रैल को टूरिस्ट को लेकर बैसरन गया हुआ था. वह अपने परिवार में सबसे बड़े थे और सैलानियों को घुमाकर पैसा कमाते थे, जिससे परिवार की आजीविका चलती थी.
Syed Hussain Shah ने रायफल छीनने की थी कोशिश
चश्मदीदों ने बताया है कि जब दहशतगर्दों ने सैलानियों पर हमला किया तो वह मौके पर मौजूद था. Syed Hussain Shah ने दहशतगर्दों को लोगों का कत्लेआम करने से मना किया और आतंकियों को रोकते हुए कहा कि सैलानी मासूम है उनके साथ ऐसा न करें. सभी सैलानी कश्मीर के मेहमान है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इनका धर्म क्या है? लेकिन दहशतगर्दों ने सैयद हुसैन शाह को धक्का दे दिया, जिससे वह जमीन पर गिर गया.
कश्मीरी ने बचाई कई हिंदुओं की जान
चश्मदीदों ने आगे बताया कि जब आतंकवादी धर्म पूछकर गोली चलाने लगे तो सैयद हुसैन शाह को जब कुछ नहीं सूझा तो वह एक दहशतगर्द से भीड़ गया और उसने आतंकी के हाथ से A-47 छीनने की कोशिश की, इस दौरान राइफल से गोली चल गई और सैयद हुसैन शाह के शरीर में लग गई, जिससे वह जख्मी हो गया लेकिन उसने आतंकी की रायफल नहीं छोड़ी, जिससे कई हिंदू सैलानियों की जान बच गई.
रात में किया गया सुपुर्द ए खाक
सैयद हुसैन शाह के दोस्त बिलाल ने बताया कि जब सैयद हुसैन को दूसरे घायलों के साथ अस्पताल ले जाया गया तो उसने बीच में ही दम तोड़ दिया था. बाद में पोस्टमार्टम के बाद उनका शव परिजनों को सौंप दिया, जिसके बाद देर रात ही सैयद हुसैन शाह को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया
दोस्त ने किया बड़ा दावा
उन्होंने आगे बताया कि अगर सैयद हुसैन चाहते तो अपनी जान बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने भागने की बजाय दहशतगर्दों से मुकाबला किया. उनकी बहादुरी और बलिदान की वजह से कई लोगों की जान बच पाई है. अगर उन्होंने आतंकियों से मुकाबला नहीं किया होता तो शायद आज बैसरन में जुटे सभी लोग मारे गए होते.