Balochistan News: बलूचिस्तान में पाकिस्तान का जुल्म थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस जुल्म का नया शिकार एक फेमस बलूच पत्रकार अब्दुल लतीफ हुए हैं. शनिवार 24 मई यानी आज उन्हें राज प्रायोजित हमला के तहत अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दिया. लतीफ की हत्या के वक्त उनकी पत्नी और बच्चे भी साख में थे. जानकारों का मानना है कि यह पाकिस्तान का मार डालो और फेक दो का नीति है. पाकिस्तान और वहां की फौज बलूचिस्तान का अवाज को इसी तरह दबाने का काम करते हैं.
दरअसल, अब्दूल लतीफ बलूचिस्तान में हो रहे जुल्म, पाकिस्तानी फौज का खूनी चेहरा, और वहां के मजलूमों का अवाज को दिखाने का काम करते थे. अब्दुल लतीफ अपने बेबाक पत्राकारिता की वजह से पाकिस्तानी फौज के आंखों में चुभ रहे थे. साथ ही उनके परिवारवाले भी निशाने पर थे.
बता दें कि कुछ महीने पहले ही अब्दुल लतीफ के बेटे सैफ बलूच को उनके परिवार के सात दीगर सदस्यों के साथ सुरक्षा बलों ने जबरन गायब कर दिया और बाद में उनकी हत्या कर दी . इस बात से आप बलूचिस्तान के आम लोगों पर पाकिस्तानी फौज द्वारा जुल्म की इंतहा का अंदाजा लगा सकते हैं. हालांकि बलूचिस्तान में जबरन किसी परिवार या व्यक्ति को फौज द्वारा गयाब करना यह कोई नई बात नहीं.
इससे पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
हाल के दिनों में, यूनुस रसूल और साजिद बलूच की हत्याओं ने एक बार फिर पूरे क्षेत्र में राज्य की हिंसा के भयावह दायरे को उजागर किया है. 17 मई को, रसूल बख्श के बेटे और अवारन जिले के मलार बांगुल बाजार के निवासी यूनुस रसूल को पाकिस्तानी सैन्य बलों द्वारा आधी रात को जबरन गायब कर दिया गया था. ऑपरेशन के दौरान, उनके परिवार के सदस्यों को फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) के कर्मियों और राज्य समर्थित मिलिशिया द्वारा प्रताड़ित, परेशान और धमकाया गया, जिन्हें स्थानीय रूप से "डेथ स्क्वॉड" के रूप में जाना जाता है. अगले दिन उनका क्षत-विक्षत लाश मिला.
बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से चाहते हैं आज़ादी
इसी वजह से बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से आज़ादी की मांग कर रहे हैं. साथ ही वहां के कुछ लोगों ने शस्त्र विद्रोह भी शुरू कर दिया है, जिसके तहत पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया जा रहा है. इससे पाक फौज बौखाला गई है.