Balochistan News: पाकिस्तान की सरकार और फौज बलूचिस्तान में आम लोगों के साथ बलूच नेताओं को भी गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार कर रही है. इसी कड़ी में बलूच यकजेहती समिति (BYC) ने पाकिस्तान में अपने शीर्ष नेताओं की गैरकानूनी हिरासत के खिलाफ वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की है. संगठन ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी अफसरों ने बलूच लोगों के लिए आवाज उठाने वाली डॉ. महरंग बलूच, बीबो बलूच और दीगर केंद्रीय नेताओं की हिरासत अवधि को संविधान द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक बढ़ा दिया है. इस कार्रवाई को बलूच संगठ ने स्पष्ट रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया है.
BYC की केंद्रीय नेता डॉ. सबीहा बलूच ने कहा है कि उनके संगठन के नेतृत्वकर्ता 90 दिनों की अधिकतम वैध हिरासत का समय पूरी होने के बावजूद अब भी जेल में बंद है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 10(4) और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी अधिनियम (MPO) की धारा 3 के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने के 90 दिनों के भीतर एक स्वतंत्र समीक्षा बोर्ड के समक्ष पेश किया जाना अनिवार्य है. इसके अतिरिक्त, हिरासत में लिए गए व्यक्ति को व्यक्तिगत सुनवाई का भी अधिकार है, ताकि निरंतर हिरासत की वैधता को आंका जा सके.
हालांकि, डॉ. महरंग बलूच और कार्यकर्ता बीबो बलूच, जिन्हें 22 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, अब भी हुड्डा जेल में बंद हैं जबकि उनकी हिरासत अवधि 22 जून को समाप्त हो चुकी है। इसी प्रकार, समिति के अन्य सदस्य बिबर्ग बलूच को 19 मार्च को हिरासत में लिया गया था और 25 मार्च को जेल में स्थानांतरित किया गया, लेकिन अब तक उनकी रिहाई को लेकर कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। संगठन का कहना है कि न तो कोई समीक्षा बोर्ड गठित किया गया और न ही कोई कानूनी सुनवाई कराई गई. BYC ने अपने बयान में कहा, वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान के राज्य संस्थानों पर दबाव डालकर डॉ. महरंग बलूच, बीबो बलूच और अन्य नेताओं की अवैध हिरासत को तुरंत समाप्त कराने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए.
BYC ने जेल अधिकारियों पर "अस्पष्ट और असंगत" कारणों के आधार पर हिरासत बढ़ाने का आरोप लगाया है. जब अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया तो केवल मौखिक रूप से 15 दिन की हिरासत वृद्धि की बात कही गई, लेकिन कोई लिखित या वैधानिक दस्तावेज नहीं दिखाया गया. इसके अलावा, अन्य कार्यकर्ताओं जैसे सिबगतुल्लाह शाह जी, गुलज़ादी बलूच, मामा गफ़्फार बलूच और इमरान बलूच को भी न्यायिक आदेश के बिना हिरासत में रखा गया है.
BYC ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान सरकार लगातार MPO के प्रावधानों का दुरुपयोग कर रही है और हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद भी कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं कर रही है। संगठन ने पाकिस्तान के कानूनी समुदाय से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है.