Pakistan News: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय के लोग लगातार सुसाइड कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि पाकिस्तान में हिंदू समाज को सम्मान नहीं मिल रही है. इस लिए हिंदू समाज में सुसाइड रेट बढ़ रहा है. आत्महत्या के बढ़ते मामलों से पाकिस्तान में माइनॉरिटी समुदाय के लिए काम करने वाले लोगों और ह्युमनराइट समूह के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
दरअसल, पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थारपारकर जिले के रहने वाले हिंदुओं में आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. यह पाकिस्तान का एक ऐसा प्रांत है, जहां पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी रहती है. बात दें कि पिछले पांच सालों में थारपारकर में जितनी खुदकुशी हुई है, उनमें ज्यादातर हिंदू समाज के लोग हैं. जानकारों का मानना है कि इस इलाके में हिदू समाज में बढ़ती आत्महत्या के मामलों के पीछे कई वजह हैं. जिसमें, मुख्य तौर पर समाजिक और मानसिक स्थिति शामिल है. पाकिस्तान में दशकों से अफसरों द्वारा कई चुनौतियों और उपेक्षा का सामना कर रहे थारी लोग गरीबी में जीने को मजबूर है. वहीं, पाकिस्तान में हिंदुओं के बढ़ते आत्महत्या के मामलों के पीछे की मूल वजह का पता लगाने में वहां के अफसर बिल्कुल नाकाम रहे हैं. कई एक्सपर्ट सुसाइड का मेन वजह हिंदू समुदाय की जानबूझकर उपेक्षा को मानते हैं.
गौरतलब है कि साल 2024 में 76 महिलाओं सहित 146 थारी (सिंध के रेगिस्तान इलाके में रहने वाले लोग) ने अपनी जान दे दी थी. वहीं, इस साल अब तक सात महिलाओं सहित कम से कम 19 लोगों ने सुसाइड की है. सुसाइड की घटनाओं को रोकने वाले उपाय के जानकार, रेगिस्तान के लोगों की बुनयादी मुद्दों की समझ रखने वाले उम्मीद घर के सदर काशी वजीर ने कहा है कि पाकिस्तान में सुसाइड गंभीर चिंता का विषय है. बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में छह लोगों ने आत्महत्या की है. वजीर ने अपील की है कि सुसाइड के सभी मामलों की जांच अलग-अलग एंगल से की जानी चाहिए, ताकि असल वजहों का पता चल सके. उन्होंने कहा कि आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने की तत्काल जरूरत है.
ह्युमन राइट वर्कर फैजा इलियास ने कहा कि पाकिस्तान में आत्महत्या हिंदू और मुस्लिम दोनों को प्रभावित कर रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदू अनुसूचित जातियों में सुसाइड की घटनाएं ज्यादा हो रही है. थारपारकर में आत्महत्या के बढ़ते मामलों की दूसरी वजहें भी है. जैसे, बुनियादी जरूरत की चीजे, जिसमें साफ पीने का पानी, रोजगार और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं.