नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान में चली 2 दिन की नूरा कुश्ती के बाद शनिवार की शाम 5 बजे अचानक से सीजफायर लागू हो गया था. यह समझौता भूमि, वायु और समुद्र में सैन्य कार्रवाई को सख्ती से रोकने के लिए लागू की गयी है. लोग दोनों तरफ की सरकारों के फैसले का समर्थन और विरोध कर रहे रहे थे कि चार घंटे के अन्दर ही कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और गुजरात के कई इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से फिर से गोलीबारी शुरू हो गयी. इस हमले में कश्मीर के आरएस पूरा सेक्टर में BSP के एक जवान मोहम्मद इम्तेयाज़ शहीद हो गए. कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं.
We salute the supreme sacrifice made by BSF #Braveheart Sub Inspector Md Imteyaz in service of the nation on 10 May 2025 during cross border firing along the International Boundary in R S Pura area, District Jammu.
While leading a BSF border out post, he gallantly led from the… pic.twitter.com/crXeVFSgUZ
— BSF JAMMU (@bsf_jammu) May 10, 2025
फायरिंग के बाद चारों राज्यों के बॉर्डर से लगे इलाकों में ब्लैकआउट की घोषणा कर दी गई है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गयी है. भारतीय सेना भी पाकिस्तान की तरफ से होने वाली गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही है. ड्रोन हमले को हमारे सेना के जवान नाकाम कर रहे हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि सीजफायर के फैसलों से पाकिस्तान आर्मी संतुष्ट नहीं है, और उसका स्टैंड पाक सरकार के खिलाफ है.
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#WATCH | Jammu & Kashmir | A complete blackout has been enforced in Kathua. Sirens can be heard.
(Visuals deferred by an unspecified time) pic.twitter.com/628HvqJNDQ
— ANI (@ANI) May 10, 2025
इससे पहले शाम को ही सीजफायर का ऐलान हुआ था. भारत सरकार ने अपने प्रेस ब्रीफिंग में बताया था कि भारत की सैन्य कार्रवाई से हुए नुक्सान के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स) ने अपने भारतीय समक्ष को फोनकर सीजफायर की गुहार लगाई थी. इसके बाद भारत ने अपनी शर्तों पर युद्धविराम किया था. यानी इसके तहत सिर्फ सैन्य कार्रवाई रोकी गई है. सिंधु जल संधि का निलंबन और पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने जैसे फैसले लागू रहेंगे. इन शर्तों में ये भी शामिल है कि भविष्य में किसी भी तरह की आतंकवादी कार्रवाई होने पर इसे "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा और भारत को इसके खिलाफ एक्शन लेने का अधिकार होगा.
अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये युद्धविराम लागू करने का क्रेडिट लेते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि रातभर दोनों पक्षों में बातचीत होने के बाद यह समझदारी भरा फैसला लिया गया है. भारत के लोगों ने ट्रम्प के इस बयान के बाद भारत सरकार की आलोचना भी की, लेकिन जल्द ही सरकार ने युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से भी इनकार करते हुए ट्रम्प के दावों को खारिज कर दिया.
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इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री और उपराष्ट्रपति वेंस ने दावा किया था कि वाशिंगटन ने विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर सहित दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की थी.
भारतीय आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी के मुताबिक दो दिनों की भारत की टार्गेटेड कारवाई में इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान को बहुत दर्द दिए. उसके कई आतंकी प्रशिक्षण स्थलों और लगभग 90 आतंकवादियों को पहले दिन के हमले में ही मार गिराया था. अगले दिन कई एयरबेस और युद्धक विमानों को मार गिराया, भारत ने उसके एयर डिफेन्स सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. लेकिन भारत ने किसी भी धार्मिक या नागरिक स्थलों को निशाना नहीं बनाया है.
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान भारत की सैन्य कारवाई से बुरी तरह डर गया था. उसे 1971 के युद्ध की तरह पाकिस्तान के टूटने का खतरा पैदा हो गया था और उसे तुर्की को छोड़कर किसी भी मित्र देश से मदद नहीं मिल रही थी. यानी दो दिन में ही पाकिस्तान मित्र देश के रहमो करम पर आ गया और भारत के आगे घुटने टेक दिए और चार घंटे बाद ही उसके सैनिकों ने फिर से हमले कर दिए!
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