Pakistan News: पाकिस्तान की सीनेट(संसद) ने एक विधेयक पास कर के काले जादू सीखने और उसे बढ़ावा देने को अपराध घोषत कर दिया है. काले जदू सीखान या सीखने पर इस कानून के तहत सात साल की सजा का प्रवधान की गई है. साथ ही काले जादू से जुड़ी नई कानून में यह साफ कहा गया है कि अध्यात्मिक तरीके से उपचार करने वाले को मजहबी मामलों की मंत्रालय से लाइसेंस लेना जरूरी होगा.
दरअसल, सीनेटर फैसल सलीम के अगुवाई वाली एक समिति ने पाकिस्तान के सीनेट में काला जादू से जुड़ी विध्यक को पेश किया गया था. इस बिल पर विचार-विमर्श करने के लिए सोमवार को पाकिस्तानी सीनेट में बैठक की गई था. बता दें की सीनेटर समीना जेहरी ने इस बिल की मसौदे को सीनेट में प्रस्तुत किया था. इस मसौदे में मामूली बदलाव करने के बाद, बिल को पाकिस्तान की सीनेट में सर्वसम्मती के साथ पास कर दिया गया. इस कानून का मकसद काले जादू के नाम पर धोखाधड़ी और अंधविश्वास पर रोक लगाना है.
गौरतलब है कि इस विधेयक के तहत सजा का भी प्रावधान किया गया है. इस विधेयक की (सीआरपीसी) अनुच्छेद 297-ए काला जादू करने या ऐसी चीजों की प्रचार करने के लिए सख्त दंड देने की बात करता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपराधियों को कम से कम छह महीने और ज्यादा से ज्यादा सात साल की जेल की सज़ा होगी, साथ ही 1 मिलियन पाकिस्तानी रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा. साथ ही विधेयक मुताबिक आदध्यात्मिक उपचार करने वालों के लिए भी मजहबी मंत्रालय से लाइसेंस लेना बहुत जरूरी है. सिर्फ लाइसेंस धार्क आध्यात्मिक डॉक्टरों को ही इस तरीके का उपचार करने की इजाजत हीगी.
इस बिल पर चर्चा के दौरान पीएमएल-एन के सीनेटर तलाल चौधरी ने सुझाव दिया की पाकिस्तान तहरीक ए- इंसाफ के लोगों से भी बिल पर चर्चा सुझाव मांगनी चाहिए. हालांकि पीटीआई के सीनेटर सैफुल्लाह अब्रो ने साफ तौर पर कहा कि हमें इस बिल से कोई ऐतराज नहीं है.