trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02181246
Home >>Zee Salaam ख़बरें

क्या ज़ुल्म है बीवी को 'भूतनी' या 'चुड़ैल' कहना; हाईकोर्ट के फैसले से पतियों को राहत

Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि, पत्नी को भूत-चुड़ैल कहना क्रूरता के दायरे में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि किसी जोड़े के नाकाम वैवाहिक संबंधों के मामले में पत्नी को भूत और पिशाच कहना क्रूरता नहीं है.

Advertisement
क्या ज़ुल्म है बीवी को 'भूतनी' या 'चुड़ैल' कहना; हाईकोर्ट के फैसले से पतियों को राहत
Sabiha Shakil|Updated: Mar 30, 2024, 04:49 PM IST
Share

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि, पत्नी को भूत-चुड़ैल कहना क्रूरता के दायरे में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि किसी जोड़े के नाकाम वैवाहिक संबंधों के मामले में पत्नी को भूत और पिशाच कहना क्रूरता नहीं है. जस्टिस बिबेक चौधरी की सिंगल बेंच ने सहदेव गुप्ता और उनके बेटे नरेश कुमार गुप्ता के आपराधिक पुनरीक्षण मामले की इजाजत देते हुए नालंदा की एक मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को खारिज कर दिया. जिसमें याचिकाकर्ताओं को वैवाहिक क्रूरता करने का कुसूरवार ठहराया गया था.

IPC की दफा 498-A और दहेज का मुतालबा करना जो कानून निषिद्ध है. हाईकोर्ट ने एडिशनल सेशन जस्टिस नालंदा के फैसले को भी रद्द कर दिया. जिसने अपीलीय अदालत के रूप में मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. नरेश की शादी ज्योति से 1 मार्च 1993 को हिंदू रस्म व रिवाज से हुई थी. अगले साल ज्योति के पिता कन्हैया लाल ने एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें नरेश और उसके पिता पर दहेज के तौर पर कार नहीं देने पर उनकी बेटी को फिजीकल और मानसिक यातना देने का इल्जाम लगाया गया. उच्च न्यायालय ने पाया कि यह साबित करने के लिए न तो कोई सबूत है और न ही कोई मेडिकल दस्तावेज है कि याचिकाकर्ता ने अपनी पत्नी को परेशान किया.

जस्टिस चौधरी ने 22 मार्च को दिए अपने फैसले में शिकायतकर्ता के वकील की उस दलील को भी रद्द कर दिया कि 21वीं सदी के समाज में किसी पति द्वारा पत्नी को भूत-पिशाच कहकर खिताब करना जहनी तौर पर परेशाना करने के बराबर है. पटना हाईकोर्ट ने कहा कि नाकाम वैवाहिक संबंधों की स्थिति में जो इस मामले के रिकॉर्ड से साफ है कि ऐसी घटनाएं होती हैं जहां शौहर और बीवी दोनों गंदी जबान का इस्तेमाल करके एक-दूसरे के साथ गलत बर्ताव करते हैं. हालांकि, ऐसे सभी इल्जाम क्रूरता करार नहीं दिए जा सकते हैं. इस बीच, झारखंड उच्च न्यायालय ने जोड़े को तलाक की मंजूरी दे दी. पटना उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका का विरोध करते हुए, महिला के वकील ने दलील दी कि "21वीं सदी में एक महिला को उसके ससुराल वालों द्वारा भूत और पिशाच कहा जाना क्रूरता की ही एक शक्ल है.

Read More
{}{}