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ED का PFI पर बड़ा इल्जाम; कहा देश में कराना चाहता था हंगामा

ED on PFI: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बारे में कई अहम बातें बताई हैं. ED का इल्जाम है कि संगठन के उद्देश्य ठीक नहीं थे. इसका कहना है कि यह अपने कैडर गलत ट्रेनिंग देता था.

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ED का PFI पर बड़ा इल्जाम; कहा देश में कराना चाहता था हंगामा
Zee Salaam Web Desk|Updated: Oct 19, 2024, 09:50 AM IST
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ED on PFI: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि प्रतिबंधित संगठन 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (PFI) भारत में "जिहाद" के जरिए इस्लामी आंदोलन खड़ा करने की कोशिश कर रहा है, जिसमें क्रूरता और दमन के अलावा अहिंसक हवाई हमले और "गुरिल्ला हमले" भी शामिल हैं. संघीय एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने 35 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्तियां कुर्क की हैं, जो PFI के "विभिन्न ट्रस्ट, कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर" लाभकारी रूप से स्वामित्व वाली हैं.

PFI पर पाबंदी
ईडी, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) और दीगर राज्य पुलिस बलों की तरफ से इसके पदाधिकारियों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के बाद सितंबर, 2022 में केंद्र ने PFI पर पाबंदी लगा दी थी. ईडी ने इल्जाम लगाया है कि 2006 में केरल में गठित लेकिन दिल्ली में मुख्यालय वाले PFI के वास्तविक मकसद इसके संविधान में बताए गए उद्देश्यों से "अलग" हैं. एजेंसी ने इल्जाम लगाया, "PFI का वास्तविक मकसद जिहाद के जरिए भारत में इस्लामी आंदोलन चलाने के लिए एक संगठन का गठन करना है, हालांकि PFI खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है."

गृहयुद्ध की तैयारी
इसने कहा, "PIF ने विरोध के अहिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने का दावा किया है लेकिन सबूतों से पता चलता है कि उसकी तरफ अपनाए गए विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के हैं." एजेंसी ने संगठन की तरफ से समाज में अशांति और संघर्ष पैदा करके "गृहयुद्ध" की तैयारी के लिए इस्तेमाल किए गए विरोध के कुछ तरीकों का वर्णन किया है. इसने इल्जाम लगाया गया है कि PFI ने क्रूरता और दमन के कुछ तरीकों का इस्तेमाल किया. एजेंसी ने कहा कि PFI ने देश की एकता और संप्रभुता को "कमजोर" करने के लिए कानूनों का उल्लंघन किया, दोहरी संप्रभुता (एक से अधिक संप्रभुता रखने) का प्रस्ताव रखा, समानांतर सरकारें बनाईं और गुप्त एजेंटों की पहचान का खुलासा किया.

यह भी पढ़ें: Ban on PFI: इन 10 वजहों से लगा पीएफआई पर बैन, मंत्रालय ने दी जानकारी

दंगों के दौरान हिंसा
ED के मुताबिक PFI पर फरवरी, 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और उपद्रव फैलाने में सक्रिय रूप से शामिल होने का भी इल्जाम लगाया गया है. यह भी इल्जाम लगाया गया है कि PFI और CFI (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, PFI की छात्र शाखा) के सदस्यों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने, सांप्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने के इरादे से कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस का दौरा किया था. 

गलत साहित्य छापने का इल्जाम
संगठन पर 12 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति पैदा करने के इरादे से एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाले साहित्य छापने का इल्जाम लगाया गया है. ED ने कहा, "PFI के सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13,000 से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं जिनमें कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) शामिल हैं." एजेंसी ने कहा कि उसने अपनी जांच के तहत कुल 61.72 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं, 26 PFI सदस्यों को गिरफ्तार किया है और नौ आरोपपत्र दायर किए हैं.

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