Prajwal Revanna: अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के इल्जामों के बीच देश छोड़ने वाले कर्नाटक के सांसद और जनता दल (सेक्युलर) नेता प्रज्वल रेवन्ना ने कहा कि वह 31 मई को विशेष जांच दल (SIT) के सामने पेश होंगे. प्रज्वल रेवन्ना ने एक वीडियो संदेश में कहा, "मुझसे गलती मत करना, 31 तारीख को सुबह 10 बजे मैं एसआईटी के सामने रहूंगा और सहयोग करूंगा. मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है और ये मेरे खिलाफ झूठे मामले हैं. मुझे कानून पर भरोसा है."
33 साल के हासन सांसद पर महिलाओं का यौन शोषण करने का इल्जाम है. कई महिलाओं के साथ यौन शोषण के वीडियो सामने आने के बाद उन्होंने 27 अप्रैल को देश छोड़ दिया. प्रज्वल रेवन्ना ने आरोपों को "राजनीतिक साजिश" बताया और कहा कि वह "अवसाद" में हैं. उन्होंने अपना ठिकाना न बताने के लिए अपने परिवार और पार्टी कार्यकर्ताओं से माफी भी मांगी.
"मैं विदेश में मेरे ठिकाने के बारे में उचित जानकारी नहीं देने के लिए अपने परिवार के सदस्यों, अपने कुमारन्ना और पार्टी कार्यकर्ताओं से माफी मांगना चाहता हूं. 26 अप्रैल को, जब चुनाव समाप्त हो गए, मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं था. एसआईटी का गठन नहीं किया गया था. मेरे जाने के दो या तीन दिन बाद, मैंने यूट्यूब पर अपने खिलाफ ये आरोप देखे. मैंने अपने वकील के जरिए से एसआईटी को पत्र लिखकर सात दिन का समय मांगा."
प्रज्वल रेवन्ना ने आगे बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दूसरे विपक्षी नेताओं ने सार्वजनिक रूप से उनके मामले के बारे में बात करते हुए कहा, "यह एक राजनीतिक साजिश है". जद (एस) कर्नाटक में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है. उन्होंने कहा, "मैं माफी मांगता हूं क्योंकि मैं अवसाद में चला गया था."
निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए एक खास अदालत ने SIT की तरफ से दायर एक आवेदन के बाद 18 मई को प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. CBI के जरिए से SIT के अनुरोध के बाद इंटरपोल की तरफ से उसके ठिकाने के बारे में जानकारी मांगने वाला 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' पहले ही जारी किया जा चुका है.
जेडीएस विधायक एचडी रेवन्ना के बेटे प्रज्वल आखिरी बार जर्मनी में थे. उनका बयान जद (एस) के संरक्षक और उनके दादा एचडी देवेगौड़ा की तरफ से उन्हें कड़ी चेतावनी जारी करने के तीन दिन बाद आया है, जिसमें उन्हें भारत लौटने और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था. पिछले हफ्ते कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था.