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Promise Day shayari: 'वो फिर वादा मिलने का करते हैं', वादों पर शेर

Promise Day Shayari: 11 फरवरी को कपल एक दूसरे से कई वादे करते हैं. ये वादे उनके रिश्ते को और मजबूत बनाते हैं. ऐसे में आज आपके सामने पेश कर रहे हैं वादों पर बेहतरीन शेर...

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Promise Day shayari: 'वो फिर वादा मिलने का करते हैं', वादों पर शेर
Siraj Mahi|Updated: Feb 11, 2024, 09:48 AM IST
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Promise Day Shayari: यह फरवरी का दूसरी हफ्ता चल रहा है. इस हफ्ते को प्यार का हफ्ता कहा जाता है. इस हफ्ते के सभी दिन बहुत खास होते हैं. ऐसे में सभी कपल एक दूसरे को इन दिनों की मुबारकबाद देते हैं और इसे सेलेब्रेट करते हैं. आज फरवरी की 11 तारीख है. इस दिन को कपल प्रॉमिस डे के तौर पर मनाते हैं. इस दिन कपल एक दूसरे से कई वादे करते हैं. इसी को जहन में रखकर कई शायरों ने वादों पर शेर लिखे हैं. पढ़ें वादों पर शेर...

आदतन तुम ने कर दिए वादे 
आदतन हम ने ए'तिबार किया 
गुलज़ार

तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त मगर 
तू ने वादा किया था याद तो कर 
नासिर काज़मी

और कुछ देर सितारो ठहरो 
उस का व'अदा है ज़रूर आएगा 
एहसान दानिश

झूटे वादों पर थी अपनी ज़िंदगी 
अब तो वो भी आसरा जाता रहा 
अज़ीज़ लखनवी

हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद 
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है 
मिर्ज़ा ग़ालिब

वो फिर वादा मिलने का करते हैं यानी 
अभी कुछ दिनों हम को जीना पड़ेगा 
आसी ग़ाज़ीपुरी

ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया 
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया 
दाग़ देहलवी

वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे 
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था 
दाग़ देहलवी

न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद 
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था 
फ़िराक़ गोरखपुरी

क्यूँ पशेमाँ हो अगर वअ'दा वफ़ा हो न सका 
कहीं वादे भी निभाने के लिए होते हैं 
इबरत मछलीशहरी

एक इक बात में सच्चाई है उस की लेकिन 
अपने वादों से मुकर जाने को जी चाहता है 
कफ़ील आज़र अमरोहवी

तिरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना 
कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए'तिबार होता 
मिर्ज़ा ग़ालिब

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