Muzaffarpur: प्रशासन ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के विकास कार्य के दौरान मंदिर को तोड़ दिया था, जिसकी वजह से हिन्दू समुदाय के लोगों में काफी नाराजगी दिखाई दी. हिन्दू समुदाय ने मंगलवार यानी कि 18 मार्च को स्टेशन परिसर में प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में रेलवे प्रशासन से पुरानी जगह पर फिर से मंदिर बनवाए जाने की मांग की गई है. विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और अंतरराष्ट्रीय सनातन हिन्दू वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शनकारियों के इस मांग का सपोर्ट किया है.
मंदिर को दोबारा से पुरानी जगह बनवाने के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक के किनारे बनी मस्जिद को भी हटाने की मांग की है.
हिन्दू समुदाय ने किया प्रदर्शन
प्रोटेस्ट के दौरान प्रदर्शनकारियों की इन मांगों के वजह से रेलवे स्टेशन पर पुलिस कसीर तादाद में मौजूद रही. शांतिपूर्ण प्रदर्शन एक हिंसा का रूप न ले, इसके लिए स्टेशन पर जिला पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ टीम के जवान भी मौजूद रहे. प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए रेलवे प्रशासन भी मौके पर पहुँच गया था, लेकिन बाद में यह बात-चीत तीखी बहस में तब्दील हो गई. प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से मंदिर को हटाए जाने के लिए मिले नोटिस और दस्तावेज को दिखाने के लिए कहा. प्रशासन और प्रदर्शनकारियों की तीखी बहस के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है.
दस दिनों में मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए: हिंदू संगठन
हिंदू संगठन ने कहा, "अगर 10 दिनों में पुरानी जगह पर मंदिर का निर्माण नहीं होता है तो जिस तरह से आयोध्या में कारसेवकों ने राम मंदिर का निर्माण किया था. उसी तरह से हम रेलवे जंक्शन पर मस्जिद का निर्माण कर देंगे." इसके अलावा सनातन हिन्दू वाहिनी के आचार्य चंद्रकिशोर पराशर ने कहा है, "अगर दस दिनों में मंदिर नहीं बना तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा."
मस्जिद को हटाने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने मंदिर को दुबारा बनाने की मांग के साथ-साथ मस्जिद को हटाने की मांग भी की है. हिन्दू समुदाय का कहना है कि जब स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए मंदिर हटाया गया है तो मस्जिद भी हटाया जाना चाहिए.
हम आपको बता दें कि मंदिर स्टेशन के बीच में था, जिसकी वजह से उसको हटाया गया, जबकि मस्जिद रेलवे ट्रैक के किनारे है. मुजफ्फरपुर के रेलवे स्टेशन पर वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने का कार्य चल रहा है, जिसके वजह से मंदिर को स्टेशन परिसर से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया था.