Ratan Tata Death: मशहूर उद्योगपति, समाजसेवी और टाटा समूह के चीफ रतन टाटा का निधन हो गया है. अपने सामाजिक कार्यों और दान-पुण्य के लिए मशहूर रतन नवल टाटा ने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली है. रतन टाटा ने अपने जीवन में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और उन्हें कुछ शब्दों में बयां करना शायद नामुमकिन है. वह न सिर्फ एक सफल व्यवसायी थे, बल्कि एक महान नेता, परोपकारी और लाखों लोगों के लिए उम्मीद के प्रतीक भी थे.
उन्हें 7 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब कंपनी ने एक बयान जारी किया था. बयान में कहा गया था कि वे रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल गए थे. उनकी उम्र और मेडिकल कंडीशन को देखते हुए नियमित मेडिकल चेकअप करवाने के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया था. तब यह भी कहा गया था कि उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन आज उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया.
पहली बार 1991 में बने थे टाटा कंपनी के चेयरमैन
गौरतलब है कि रतन टाटा साल 1991 में कंपनी के चेयरमैन बने थे. उन्होंने अपने परदादा और टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के जरिए 100 साल से भी पहले स्थापित टाटा समूह को 2012 तक चलाया. उन्होंने 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की. जबकि साल साल 2004 में उन्होंने आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की शुरुआत की.
चेयरमैन की उपाधि से किया गया है सम्मानित
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, पद छोड़ने के बाद उन्हें टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया. वहीं, रतन टाटा को देश के दो सर्वोच्च नागरिक आवार्ड से नवाजा गया है. साल 2008 में पद्म विभूषण और 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है.
रतन टाटा का कहा हुआ था जन्म
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को बॉम्बे अब मुंबई में हुआ था. वह नवल टाटा के बेटे हैं. उनकी नानी हीराबाई टाटा की बहन थीं, जो टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा की बीवी थीं, उन्होंने 8वीं कक्षा तक कैंपियन स्कूल, मुंबई में पढ़ाई की, उसके बाद कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई और बिशप कॉटन स्कूल, शिमला में पढ़ाई की। 1955 में उन्होंने न्यूयॉर्क शहर के रिवरडेल कंट्री स्कूल से स्नातक किया. साल 1959 में उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से Architecture की पढ़ाई की थी.