trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02467513
Home >>Zee Salaam ख़बरें

मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पहुंचा रतन टाटा का पार्थिव शरीर, कुछ ही वक्त में पंचतत्व में हो जाएंगे विलीन

Ratan Tata funeral: टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 9 अक्तूबर की देर रात 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. अब कुछ देर बाद उनका अंतिम संस्कार हो जाएगा.

Advertisement
मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पहुंचा रतन टाटा का पार्थिव शरीर,  कुछ ही वक्त में पंचतत्व में  हो जाएंगे विलीन
Zee Salaam Web Desk|Updated: Oct 10, 2024, 07:25 PM IST
Share

Ratan Tata funeral: देश और दुनिया के मशहूर कारोबारी और सामाजिक नेता रतन टाटा का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए मुंबई के एनसीपीए से वर्ली ले जाया गया है. रतन टाटा के पार्थिव शरीर का जल्द ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. दक्षिण मुंबई में मौजूद नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3.55 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए जनता के लिए रखा गया, जहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी.

रतन टाटा कब हुआ था इंतकाल
गौरतलब है कि टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 9 अक्तूबर की देर रात 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मुंबई के एनसीपीए मैदान में रखा गया है, जहां, 
देश के बड़े नेताओं से लेकर अभिनेता, खिलाड़ी और आम लोग तक सभी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंच रहे हैं. शरद पवार, सुप्रिया सुले, पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे से लेकर कुमार मंगलम बिड़ला और रवि शास्त्री तक सभी एनसीपीए मैदान पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

देश शोक की लहर में डूबा 
वहीं, रतन टाटा न सिर्फ एक सफल बिजनेसमैन थे, बल्कि एक महान समाजिक नेता भी थे. वह लोगों के लिए उम्मीद के प्रतीक भी थे. रतन टाटा के निधन से देश शोक की लहर में डूबा हुआ है. इनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश दुनिया के कई दिग्गज हस्तियों ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी है.

रतन टाटा ने कहां पढ़ाई की?
रतन टाटा की शुरुआती शिक्षा मुंबई में हुई. इसके बाद वे अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने आर्किटेक्चर की पढ़ाई की और हार्वर्ड से मैनेजमेंट की पढ़ाई की. 1962 में रतन टाटा ने टाटा ग्रुप में काम करना शुरू किया। बाद में वे टाटा ग्रुप में अहम भूमिका निभाने लगे. साल 1991 में उन्होंने टाटा ग्रुप के चेयरमैन का पद संभाला और अपने नेतृत्व में उन्होंने कई बड़े फैसले लिए.

 

Read More
{}{}