Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई का असर देखने को मिला है. चंदौसी के वारिश नगर इलाके में रजा-ए-मुस्तफा मस्जिद को प्रशासन ने अवैध निर्माण घोषित कर दिया था. इसके बाद मस्जिद की प्रबंध समिति खुद मस्जिद को गिराने के लिए आगे आई है. नगर निगम की जमीन पर बनी इस मस्जिद को हटाने के लिए समिति ने एक दर्जन मजदूर लगाकर खुद ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है.
प्रशासन ने मस्जिद कमेटी को 15 दिन पहले नोटिस जारी कर चेतावनी दी थी कि अगर तय समय में मस्जिद नहीं गिराई गई तो प्रशासन खुद बुलडोजर चला देगा. इसके बाद कमेटी ने फैसला किया कि किसी भी तरह के टकराव से बचने के लिए वे खुद ही निर्माण को गिराना बेहतर समझेंगे.
मस्जिद के मुतवल्ली ने क्या कहा?
मस्जिद के मुतवल्ली मौलाना सिराजुद्दीन ने बताया, "हमने प्रशासन के नोटिस का सम्मान करते हुए खुद ही मस्जिद को हटाने की प्रक्रिया शुरू की है. हमारा मकसद किसी तरह का विवाद नहीं है, बल्कि शांति और व्यवस्था बनाए रखना है. मस्जिद अवैध जमीन पर बनी थी, इसलिए हमने खुद ही इसे तुड़वाने का फैसला किया."
संभल में 34 मकानों पर चल सकता है बुलडोजर
इस पूरी कार्रवाई में सबसे खास बात यह रही कि किसी भी प्रशासनिक बल का प्रयोग नहीं किया गया. मस्जिद कमेटी ने स्वेच्छा से मजदूर बुलाकर निर्माण हटाना शुरू कर दिया और मौके पर सिर्फ पुलिस की टीम मौजूद रही. जानकारी के मुताबिक मस्जिद के पास वारिस नगर में नगर निगम की जमीन पर बने 34 अवैध मकानों को भी चिन्हित कर लिया गया है और उन पर भी बुलडोजर चलाया जा सकता है. प्रशासन अब पूरे इलाके में सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने की तैयारी कर रहा है.
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
इस घटना को लेकर इलाके में चर्चा है कि योगी सरकार के बुलडोजर का खौफ अब अवैध निर्माण करने वालों में साफ दिखाई देने लगा है. प्रशासन के बल प्रयोग से पहले ही लोगों ने खुद ही अवैध निर्माण हटाना शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों का भी मानना है कि इस तरह की सख्ती से शहर में अतिक्रमण रुकेगा और सरकारी जमीनों को बचाया जा सकेगा. प्रशासन अब इस मॉडल को अन्य अतिक्रमण वाले इलाकों में भी लागू करने की योजना बना रहा है.