Amroha News: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में मनरेगा घोटाले में मोहम्मद शमी के परिवार और उनकी बहन का नाम सामने आने के बाद से प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए थे. मोहम्मद शमी की बहन के बेटे डॉक्टर, इंजीनियर और वकील हैं, फिर भी वह पिछलें चार साल से मनरेगा योजना का लाभ ले रही थी.
मोहम्मद शमी की बहन का नाम सामने आने के बाद प्रशासन ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी थी. प्रशासन अब लाखों रुपये की धोखाधड़ी में फंसे क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन और बहनोई समेत 18 लोगों से योजना की रकम वसूली करेगी, जिसकी जानकारी एक आला अफसर ने बुधवार को साझा की है.
डीएम की सख्ती
अमरोहा की डीएम निधि गुप्ता वत्स ने मुल्जिम कर्मचारियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आदेश दिया है. वत्स ने बुधवार शाम बताया कि जोया प्रखंड के पलौला गांव में मनरेगा में धोखाधड़ी की जांच में शिकायत सही पाई गयी है. इस सिलसिले में दोषी ग्राम प्रधान के खाते को जब्त करने के साथ ही योजना के रकम की वसूली की जाएगी.
18 लोग आरोपी
मुल्जिमों के खिलाफ पंचायती राज एक्ट के विभिन्न धाराओं के तहत विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में आयुक्त ग्राम्य विकास को फार्म भेज दिया गया है. इस तरह की अनियमितताओं को लेकर जिले भर में मुहिम चलाया जाएगा. डीएम के हुकूम पर पीडी अमरेंद्र प्रताप सिंह, बीडीओ लोकचंद आनंद और लोकपाल कृपाल सिंह जोया ब्लाक की ग्राम पंचायत पलौला में मनरेगा योजना में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर रहे थे. पिछले कई दिनों से चल रही जांच में मोहम्मद शमी की बहन समेत 18 लोगों के नाम सामने आए है.
मामला सुर्खियों में आने के बाद एक्शन
जिनसे वसूली की जानी है, उनमें मोहम्मद शमी की बहन शबीना, उनके पति गजनवी, रिश्तेदार आमिर सुहैल, नसरुद्दीन, शेखू , ग्राम प्रधान गुले आयशा के बेटे व दो बेटियां शामिल हैं. गांव में बिना काम किए मनरेगा मजदूरी पाने का मामला मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.