Republic Day 2024: देश के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं ने 'नारी शक्ति' और 'आत्मनिर्भरता' की विषय वस्तु पर आधारित अपनी झांकियों में भारत की बढ़ती फौजी ताकत का असरदार मुजाहिरा किया. इंडियन नेवी की झांकी में जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती शक्ति को उजागर करते हुए देश में निर्मित विमान वाहक INS विक्रांत और अत्यधिक सक्षम एस्कॉर्ट पोत आईएनएस दिल्ली, आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शिवालिक, एलसीए, एएलएच और कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी को दर्शाया गया. नौसेना की झांकी की विषयवस्तु 'नारी शक्ति' और 'आत्मनिर्भरता' रही. सशस्त्र बलों की परेड में मिसाइल, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-2 पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा. तीनों सेनाओं का महिला दस्ता देश के इस सबसे बड़े समारोह में पहली बार शामिल हुआ.
नेवी की बैंड ने बल की ताकत और युद्ध की तैयारी का प्रतिनिधित्व करते हुए 'हम तैयार हैं' की धुन बजाई. जिस पर 144 पुरुष एवं महिला अग्निवीर समेत युवा नौसैनिकों की टुकड़ी ने मार्च किया. इंडियन एयर फोर्स (IAF) की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर की अगुवाई में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए. स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव, प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल ने दल कमांडर के पीछे अतिरिक्त अधिकारियों के रूप में मार्च पास्ट किया. एयरफोर्स की झांकी भारतीय वायु सेना सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर विषय वस्तु पर आधारित रही.
झांकी के विवरण में कहा गया कि IAF गरुड़ कमांडो की मौजूदगी हवा के साथ-साथ जमीन पर भी एयरफोर्स की लड़ाकू क्षमताओं में वृद्धि का प्रतीक है. इस प्रोग्राम का मकसद देश की महिलाओं की ताकत और लोकतांत्रिक मूल्यों को पेश करना है. सशस्त्र बलों ने परेड में मिसाइलों, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-द्वितीय पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे घरेलू हथियारों और सैन्य उपकरणों की एक श्रृंखला का मुजहिरा किया. पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी लोगों के लिए तवज्जे का केंद्र बनी.
इतिहास में पहली बार, लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा ने कर्तव्य पथ पर परेड में हथियार का पता लगाने वाले 'स्वाति' रडार और पिनाका रॉकेट प्रणाली की अगुवाई की. लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा पिछले साल आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुई 10 महिला अफसरान में से हैं. मैकेनाइज्ड कॉलम में टैंक टी-90 भीष्म, नाग (एनएजी) मिसाइल सिस्टम, पैदल सेना का फाइटर जेट सभी क्षेत्रों में संचालन योग्य वाहन, पिनाका, हथियार का पता लगाने वाली रडार प्रणाली स्वाति, ड्रोन जैमर प्रणाली, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली आकर्षण का केंद्र रहे. मैकेनाइज्ड कॉलम की अगुवाई करने वाली पहली फौडी टुकड़ी 61 कैवेलरी (घुड़सवार सेना) थी, जिसकी अगुवाई मेजर यशदीप अहलावत ने की.