Ghazipur News: गजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी को शनिवार को अदालत से बड़ी राहत मिली है. सपा नेता को गाजीपुर सीजेएम कोर्ट ने 21 साल पुराने केस में बाइज्जत बरी कर दिया. अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी करने का आदेश दिया है. सपा सांसद के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के साथ ही सरकारी प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप था.
दरअसल, 9 अगस्त 2001 में सपा के प्रदेश बंद प्रोग्राम का ऐलान किया था. इसी प्रोग्राम के दौरान सपा नेताओं ने मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें सपा नेता पर आरोप था कि सपा से मोहम्मदाबाद के तत्कालीन विधायक और मौजूदा गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने चार हजार लोगों के साथ मंडी कमेटी से जुलूस के साथ तहसील पहुंचे और जमकर नारेबाजी की.
जानिए पूरा मामला
सपा नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ मोहम्मदाबाद एसडीएम के दफ्तर पहुंचकर नारेबाजी की. नारेबाजी के दौरान तत्कालीन सीओ समेत अन्य पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और उन्हें रोकने की कोशिश की. आरोप है कि सपान नेता प्रदर्शनकारियों के साथ एसडीएम दफ्तर में जबरन घुस गए और हंगामा करते हुए तोड़फोड़ किए. इसके बाद मोहम्मदाबाद कोतवाली में अफजाल अंसारी समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी और उनके समर्थकों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल किया. चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद की अदालत में सांसद अफजाल अंसारी पर केस की सुनवाई हो रही है और 30 नवंबर को यानी आज सबूतों के अभाव में न्यायालय ने सांसद अफजाल अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.
लगातार दो बार से हैं सांसद
इस दौरान अफजाल अंसारी अपने वकील नन्द कुमार सिंह, सुनील कुमार और पूर्व ब्लॉक प्रमुख लूटूर राय के साथ फैसला सुनाए जाने तक अदालत में मौजूद रहे. अफजाल अंसारी ने कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि उनको अदालत पर पूरा यकीन है. बता दें कि सपा नेता लगातार दो बार से गाजीपुर का संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वो बीएसपी की टिकट पर चुनाव जाीतकर संसद पहुंते थे. हालांकि, इस बार वो सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की.