Sambhal Shahi Masjid Case: संभल मामले में हर दिन कुछ नया जानने को मिल रहा है. अब आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने मस्जिद कमेटी पर संगीन इल्जाम लगाए हैं. एएसआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि मस्जिद कमेटी के लोग एएसआई के काम में अड़ंगा डाल रहे थे.
ASI का कहना है कि 1920 से जामा मस्जिद ASI संरक्षित स्मारक है. लेकिन, ASI के लिए जामा मस्जिद में मुआयना करना काफी मुश्किल भरा रहा है. ASI के मुताबिक मस्जिद कमेटी के लोग मस्जिद में मुआयना करने से ASI अधिकारियों को रोकते रहे हैं. इसके साथ की संगठन ने कहा कि मस्जिद कमेटी के लोग सर्वे पर एतराज करते हैं, जिसकी वजह से सर्वे हमेशा से मुश्किल भरा रहा है.
एएसआई ने इल्जाम लगाया कि जब टीम सर्वे के लिए गई तो उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. संगठन ने कहा कि जब भी मुमकिन हुआ तब टीम ने ज़िला प्रशासन के सहयोग से मस्जिद का सर्वे किया है. 25 जून 2024 को जब ASI ने निरीक्षण किया तो पता चला कि स्थानीय मस्जिद कमेटी ने इस संरक्षित स्मारक के स्वरूप में कई बदलाव किए है.
ASI के मुताबिक मस्जिद कमेटी के इस रवैये के खिलाफ उन्होंने पहले भी पुलिस में भी शिकायत दी है, मस्जिद कमेटी के लोगों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है. बता दें, हाल ही में संभल मस्जिद में हुए सर्वे के बाद हिंसा हुई. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हुए. बीते रोज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की और आदेश दिया कि जिला कोर्ट इस मामले में कोई आदेश न दे, हाई कोर्ट में यह मामला चले.
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि वह सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले हाई कोर्ट का रुख करें. इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि मस्जिद का सर्वे करने वाले एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाना चाहिए और इस बीच उसे नहीं खोला जाना चाहिए.