Shahi Eidgah Dispute: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 8 अप्रैल को शाही ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े एक अहम मामले की सुनवाई होगी. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और केंद्र सरकार को इस मामले में पक्ष बनाने की इजाजत दी थी, जिसे मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले को आज तक के लिए टाल दिया था.
मुस्लिम पक्ष ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और केंद्र सरकार को पार्टी न बनाए जाने का विरोध किया है. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने श्री कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी केस की एक साथ सुनवाई करने का भी विरोध किया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष अपनी दलील रखेगा.
मुस्लिम पक्ष को किस बात का है डर
श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद के पक्षकार एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में कोर्ट नंबर-1 में सुनवाई होनी है. शाही ईदगाह के पक्ष द्वारा एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें विशेष रूप से उनका कहना है कि ASI और केंद्र सरकार को पार्टी न बनाया जाए. क्योंकि, उन्हें डर है कि अगर उन्हें पार्टी बनाया गया तो यहां पर प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लागू नहीं होगा. जबकि, हाईकोर्ट का निर्देश है कि ASI और केंद्र सरकार को इसमें पार्टी बनाया जाए.
हिंदू पक्ष ने क्या दी दलील
उन्होंने आगे कहा कि हाईकोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में ईदगाह मस्जिद की तरफ से चुनौती दी गई. आज कोर्ट में हम अपना पक्ष रखेंगे और बताएंगे कि इस मामले में एएसआई और केंद्र सरकार को पार्टी बनाने का फैसला बिल्कुल सही है. मुस्लिम पक्ष के लोग नहीं चाहते हैं कि इस पर सुनवाई हो, इसलिए बार-बार नई याचिका दायर कर चुनौती देते हैं.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े दो मामले सुप्रीम कोर्ट में लगाए गए थे. पहले मामले में इलाहाबाद कोर्ट के ऑर्डर को मस्जिद कमेटी द्वारा चुनौती दी गई थी. इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से संशोधन आवेदन दाखिल किया गया था. हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट से मांग की थी कि इस मामले में एएसआई और केंद्र सरकार को पक्ष बनाया जाए. हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की इस मांग को स्वीकृति दी थी. हाईकोर्ट के उस ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष द्वारा चुनौती दी गई.