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18वीं लोकसभा में शांभवी चौधरी बनी देश की सबसे युवा सांसद; शादी को लेकर हैं, युवाओं की रोल मॉडल

Samastipur News: महज 25 साल की शांभवी चौधरी को सियासत विरासत में मिली है. वे अपने खानदान के तीसरी पीढ़ी की नेता हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "परिवार और मेरा सपना था कि मैं सांसद बनूं. मैं खुद को खुशनसीब मानती हूं कि मैं अपने परिवार से तीसरी पीढ़ी की राजनेता बनी हूं."

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18वीं लोकसभा में शांभवी चौधरी बनी देश की सबसे युवा सांसद; शादी को लेकर हैं, युवाओं की रोल मॉडल
Md Amjad Shoab|Updated: Jun 08, 2024, 05:27 PM IST
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Shambhavi Choudhary Profile: लोकसभा चुनाव में इस बार कई नए युवा चेहरे जीतकर संसद पहुंचे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा बिहार के समस्तीपुर सीट से नवनिर्वाचित सांसद शांभवी चौधरी की हो रही हैं. दरअसल, शांभवी बिहार से संसद पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की सांसद बन गई हैं. उन्होंने अपने कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंदी सनी हजारी को 187251 वोटों से हराया है. शांभवी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ी थीं.  

महज 25 साल की  शांभवी चौधरी को सियासत विरासत में मिली है. वे अपने खानदान के तीसरी पीढ़ी की नेता हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "परिवार और मेरा सपना था कि मैं सांसद बनूं. मैं खुद को खुशनसीब मानती हूं कि मैं अपने परिवार से तीसरी पीढ़ी की राजनेता बनी हूं."

कौन हैं शांभवी चौधरी?
शांभवी चौधरी महज 25 साल की हैं. शांभवी चौधरी के पिता अशोक चौधरी जेडीयू के नेता हैं. वह नीतीश कुमार के कैबिनेट में सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में से एक माने जाते हैं. हालांकि, जेडीयू से पहले अशोक चौधरी ने कांग्रेस के साथ लंबे वक्त तक काम किया है. शांभवी चौधरी के दादा मरहूम महावीर चौधरी भी कांग्रेस सदस्य थे. वह बिहार में कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री समेत कई पदों पर रहे हैं.

शांभवी की शादी रही थी चर्चाओं में 
शांभवी चौधरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें हमेशा से सियासत में दिलचस्पी रही है. शांभवी चौधरी ने प्रतिष्ठित दिल्ली यूनिवर्सिटी के  स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर ऑफ आर्ट्स (समाजशास्त्र) की पढ़ाई की है. वह समाज सुधारक और पूर्व आईपीएस अफसर आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं. उन्होंने सायन कुणाल से शादी की है. ये शादी उस वक्त काफी चर्चाओं में रही थी, क्योंकि सायन कुणाल भूमिहार (सवर्ण) समाज के हैं, जबकि अशोक चौधरी  (दलित) समाज से आती हैं. 

बता दें कि किशोर कुणाल पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद हनुमान मंदिर ट्रस्ट और महावीर ग्रुप हॉस्पिटल के जरिए लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं.

LJP का 100 फीसदी  स्ट्राइक रेट
बिहार में एलजेपी (R)  ने एनडीए गठबंधन के तहत पांच सीटों पर चुनाव लड़े थे, जिसमें LJP (R) ने 100 फीसदी स्ट्राइक रेट से सभी सीटों पर जीत हासिल की. उन्होंने कहा, एलजेपी एक ऐसी पार्टी है, जिसका स्ट्राइक रेट 100 फीसदी रहा है. केवल इस चुनाव में नहीं, बल्कि 2014 और 2019 के चुनाव में भी जितनी सीटें मिली थी, सब जीती. मुझे इतना यकीन है कि अगर 5 की जगह 10 सीट भी मिलती, तो वो भी हम जीत जाते. बिहार के लोगों का हमारी पार्टी के सिद्धांतों पर यकीन है."

बिहार को स्पेशल स्टेटस की मांग पर क्या कहा?
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के सवाल पर शांभवी ने कहा, "अगर ऐसी डिमांड जनता कर रही है तो मैं मानती हूं कि NDA के सभी नेता एक साथ बैठ कर इस पर बात करें. एक बार जब सरकार बन जाएगी तो बिहार के सभी पार्टी के नेता पीएम नरेंद्र मोदी जी से राज्य के स्पेशल स्टेटस की मांग को लेकर मिल सकते हैं. मुझे पूरा यकीन है कि पीएम जी बिहार को आगे ले जायेंगे."

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