Sharmistha Mukherjee On Congress Party: देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिवंगत नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी को सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि नेशनल पॉलिटिक्स में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है और अब वक्त आ गया है कि नेतृत्व के लिए कांग्रेस पार्टी गांधी-नेहरू परिवार से बाहर देखें.
शर्मिष्ठा ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस की सीटों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस की नेशनल पॉलिटिक्स में बहुत मजबूत मौजूदगी है, क्योंकि वह देश की सबसे बड़ी अपोजिशन पार्टी है. कांग्रेस का मौजूदा वक्त में तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक में सरकार है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस अभी भी मुख्य अपोजिशन पार्टी है. उसका स्थान निर्विवाद है. लेकिन इस उपस्थिति को कैसे मजबूत करना है? ये सवाल है. लेकिन इस पर बातचीत करना कांग्रेस नेताओं का काम है."
'कोई जादू की छड़ी नहीं है..., ये कांग्रेस लीडरों को देखना है'
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी में लोकतंत्र की बहाली, मेंबरशिप कैंपेन, पार्टी के अंदर संगठनात्मक चुनाव और पॉलिसी डिसिजन की प्रक्रिया में हर लेवल पर जमीनी वर्कर्स को शामिल करने की जरूरत है, जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी अपनी डायरी में लिखा है. उन्होंने कहा, "कोई जादू की छड़ी नहीं है. ये कांग्रेस लीडरों को देखना है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए कैसे काम करना है.’’
वहीं, शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बतौर नेता परिभाषित करने के सवाल पर कहा कि किसी भी आदमी को परिभाषित करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को परिभाषित करना मेरा काम नहीं है. किसी भी आदमी को परिभाषित करना संभव नहीं है. अगर कोई मुझसे मेरे पिता को परिभाषित करने को कहे, तो मैं उनकी भी व्याख्या ( Explanation ) नहीं कर सकती. व्यक्ति बहुत पेचीदा प्राणी है. उसे परिभाषित करना संभव ही नहीं है.’’
मुझे कांग्रेस पार्टी की चिंता है; मुखर्जी
शर्मिष्ठा ने कांग्रेस नेतृत्व के सवाल पर भी बेबाकी से अपना जवाब दिया. उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस सपोर्टर होने के नाते मुझे पार्टी की चिंता है. उन्होंने कहा, ‘‘इसका जवाब कांग्रेस नेताओं को देना है. लेकिन एक कांग्रेस सपोर्टर और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मुझे पार्टी की चिंता है और निश्चित रूप से समय आ गया है कि नेतृत्व के लिए गांधी-नेहरू परिवार से बाहर देखा जाए’’. शर्मिष्ठा ने कहा कि वह एक ‘‘कट्टर कांग्रेसी’’ हैं, लोग यकीन करें या न करें.