Delhi News: सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान ने आज यानी 15 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कथित तौर पर दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में राष्ट्रीय राजधानी से बाहर जाने में छूट की मांग की. हाईकोर्ट ने पहले इस मामले में दिल्ली से बाहर न जाने की शर्त पर जमानत दी थी. साथ ही आदेश दिया था कि वह सक्षम अदालत की इजाजत के बिना दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते. नदीम ने इस शर्त को हटाने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस के जरिए किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ उन्हें संरक्षण प्रदान करते हुए उनपर यह शर्त लगाई थी. नई याचिका जस्टिस रविंदर डुडेजा के समक्ष सूचीबद्ध की गई, जिन्होंने इसे न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अदालत को स्थानांतरित कर दिया था. जस्टिस जसमीत सिंह की अदालत ने 11 दिसंबर, 2024 को यह शर्त लगाई थी. याचिका पर 21 अप्रैल को सुनवाई होगी.
नदीम खान के वकील ने क्या दी दलील
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान खान के वकील ने कहा कि वह शर्त में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं क्योंकि वह गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ से जुड़े हैं और उन्हें दिल्ली से बाहर यात्रा करना आवश्यक है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो आने के बाद खान पर दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश रचने के कथित अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था.
इस संगठन ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के राष्ट्रीय सचिव खान और उनके संगठन ने उनके खिलाफ मुकदमे को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था. पुलिस ने दावा किया कि कथित वीडियो से दुश्मनी पैदा हो सकती है और कभी भी लोगों में हिंसा भड़क सकती है.
पुलिस को सहयोग करने का किया था वादा
पुलिस द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद कि वह कार्यकर्ता को सात दिन का लिखित नोटिस दिए बिना गिरफ्तार नहीं करेगी, अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया था. दूसरी तरफ खान ने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह 30 नवंबर, 2024 को शाहीन बाग पुलिस थाने में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे के मुताबिक जांच में सहयोग करना जारी रखेंगे.