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केंद्र सरकार पर बरसीं सोनिया गांधी, कहा- अदालतों पर दबाव बनाकर नाइंसाफी बढ़ाई जा रही है

Sonia Gandhi: डॉ भीमराव आंबडेकर जी की जयंती के मौके पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं. उन्होंने इस देश में नफरत, नाइंसाफी फैलाने और लोगों को आपस में लड़वाने के लिए जिम्मेदार ठहरा या है. 

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केंद्र सरकार पर बरसीं सोनिया गांधी, कहा- अदालतों पर दबाव बनाकर नाइंसाफी बढ़ाई जा रही है
Zee Salaam Web Desk|Updated: Apr 14, 2023, 03:35 PM IST
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Sonia Gandhi: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि सत्ता का गलत इस्तेमाल व संवैधानिक संस्थाओं को तबाह किया जा रहा है. उन्होंने यह कहा कि भारतीय नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा और लिंग की बुनियाद पर बांटने जा रहा है और सत्ता गलत इस्तेमाल करते हुए एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का काम किया जा रहा है. यह असल में ‘असली राष्ट्र विरोधी’ हैं.

बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर (BR Ambedkar) की जयंती पर शुक्रवार को उन्होंने लोगों से अपील करते हुए वे ‘प्रीप्लालिंग के तहत हो रहे हमलों’ से संविधान को बचाने के लिए कदम बढ़ाएं. ‘द टेलीग्राफ’ में लिखे एक लेख में सोनिया गांधी ने कहा, "आज हम बाबासाहेब की विरासत का सम्मान करते हैं. इसके साथ ही हमें उनकी उस चेतावनी को भी याद रखना होगा कि संविधान की कामयाबी उन लोगों के बर्ताव पर निर्भर करती है जिन्हें शासन करने की जिम्मेदारी मिली है." 

सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार सत्ता का गलत इस्तेमल कर रही और संविधान को खत्म कर रही है साथ ही इंसाफ, आजादी, एकता और भाइचारे की बुनियादों को कमजोर कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि लोगों के हक की हिफाज़त करने के बजाय उन्हें प्रताड़ित करने के लिए सत्ता का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे आज़ादी को खतरा पैदा हुआ है. 

इसके अलावा उन्होंने कहा,‘चुनिंदा दोस्तों को फायदा पहुंचाने वाले बर्ताव’ से बराबरी की बुनियाद को नुकसान पहुंची है. उन्होंने दावा किया कि भारतीय नागरिकों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और नफरत का माहौल पैदा करने से भाइचारे का भी खासा नुकसान हुआ है. साथ ही अदालतों पर भी दबाव बनाकर नाइंसाफी को बढ़ाया जा रहा है. सोनिया गांधी ने कहा, "अपने आखिरी भाषण में डॉक्टर आंबेडकर ने जाति व्यवस्था को बंधुता की बुनियाद पर हमला बताया था और इसे राष्ट्र विरोधी करार दिया था." उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आज असली राष्ट्र विरोधी वह लोग हैं जो भारतीय नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा और लिंग की बुनियाद पर बांटने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. "

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