Supreme court on SIMI: सीमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) पर साल 2001 से आतंकवाद और गैर कानूनी गतिविधियों के इल्जाम पर प्रतिबंध लगे हुए हैं. साल 2024 में न्यायिक प्रधिकरण ने SIMI पर लगे प्रतिबंध की समय सीमा को 5 साल के लिए बढ़ाने वाला आदेश की पुष्टि की थी. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी गई थी. बीते सोमवार इस याचिका पर सुनवाई हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया.
इस याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई की है. इस दौरान याचिका कर्ता के तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने अपने आप को SIMI का पूर्व सदस्य बताया. साथ ही याचिकाकर्ता के वकील के तरफ से दावा किया गया कि SIMI अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और इस संगठन का कोई अस्तित्व नहीं बचा है.
हालांकि न्यायिक प्राधिकरण के जरिए सीमी पर प्रतिबंध को बढ़ाने वाले आदेश के खिलाफ याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 29 जनवरी 2024 को केंद्र सरकार ने सीमी पर लगे प्रतिबंधों को 5 साल के लिए बढ़ा दिया था.
गौरतलब है कि सीमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का गठन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट्स के जरिए साल 1977 में किया गया था. इस संगठन पर पहली बार साल 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने प्रतिबंध लगया था. अटल सरकार ने सीमी पर प्रतिबंध लगाते हुए इस संगठन को गैर कानूनी करार दिया था. साल 2001 से अबतक सीमी पर लगे प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ते जा रहे हैं.
सीमी पर गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने और विदेशी आतंकवाद से जुड़ होने का इल्जाम है. साथ ही सीमी पर यह भी इल्जाम है कि यह संगठन का विश्वास भारत की संविधान में नहीं है और यह संगठन भारत में इस्लामिक शासन लाना चाहता है.