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इजरायल के साथ बड़ा समझौता करने को तैयार है यह मुस्लिम मुल्क, पहले लड़ चुका है जंग

Syria Israel Deal: सीरिया और इजरायल के बीच इतिहास में जंग हो चुकी है, लेकिन सीरिया की नई मोहम्मद अल-जुलानी की सरकार इजरायल के प्रति नर्म रुख अपना रही है. साथ ही इजरायल के साथ अच्छे रिश्ते की वकालत कर रही है. इसी कड़ी में सरिया ने इजरयाल के साथ 1974 हुए डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट को फिर से लागू करने की बात कही है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.   

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इजरायल के साथ बड़ा समझौता करने को तैयार है यह मुस्लिम मुल्क, पहले लड़ चुका है जंग
Zeeshan Alam|Updated: Jul 05, 2025, 10:24 AM IST
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Syria Israel Deal: सीरिया में पिछले साल (2024) ईरान समर्थित बशर अल-असद सरकार की तख्तापलट हो गई, जिसके बाद सीरिया की बागडोर हयात तहरीर अल-शाम के चीफ मोहम्मद अल-जुलानी के हाथों में है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया है, और मोहम्मद अल- जोलानी पर लगे आतंकवाद के इल्जाम हटा लिए हैं. बीते शुक्रवार को सीरिया ने इजरायल के साथ 1974 के डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट को दोबारा से लागू करने की बात कही है.

दरअसल, बीते शुक्रवार (4 जुलाई) को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के समकक्ष असद अल-शैबानी के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसके बाद सीरिया के असद अल शैबानी ने एक बयान में कहा कि सीरिया, इजरायल के साथ 1974 डिसएंगेजमेंट एग्रीमेंट को अमेरिका के सहयोग से लागू करना चाहता है. 

साल 1973 में अरब-इजरायल जंग में सीरिया और इजरायल आमने सामने थे. इस जंग के बाद UN की अगुवाई में इजरायल और सीरिया के बीच डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट हुआ था, जिसके तहत इजरायल और सीरियाई सेना के बीच गोलीबारी बंद करना और गोलान हाइट्स से दोनों देशों को पिछे हटना था. 

साथ ही दोनों देशों की सोनाओं के बीच UN के जरिये बफर जोन बनाया गया. इस समझौते के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं को इस इलाके में नई सैन्य चौकी बनाने पर रोक लगाई गई थी. इजरायली सेना समझौते के बाद भी गोलान हाइट्स पर मौजूद है, हालांकि गोलान हाइट्स सीरिया का क्षेत्र है. अब इसी समझौते को अमेरिका की मध्यस्थता के जरिये दोबारा से अमल में लाने की बात की जा रही है. 

सीरिया में बशर अल-असद की सरकार जाने के बाद इजरायल ने सीरिया के सैन्य भंडारण पर जोरदार हमला किया था. इस दौरान इजरायल ने सीरिया की नेवी को लगभग नष्ट कर दिया था. सीरिया पर इस हमले को इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए जायज बताता है. वहीं, सीरिया में मोहम्मद अल-जुलानी की सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इजरायल के साथ संघर्ष नहीं चाहते बल्कि अच्छे रिश्ते चाहते है. 

जानकारों का मानना है कि अमेरिका ने सीरिया में बशर अल असद की सरकार गिराने में मोहम्मद अल-जुलानी की हथियार बंद ग्रुप हयात तहरीर अल शाम को सपोर्ट किया है. इसीलिए मोहम्मद जोलानी और सीरिया से प्रतिबंधों को हटा लिया गया है और सीरिया भी अमेरिकी नीतियों की ओर झूका हुआ है. 

गौरतलब है कि मोहम्मद जोलानी का नाम अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंवादी लिस्ट में था. लेकिन अब अमेरिका मोहम्मद अल-जुलानी के लिए विशेष प्रेम दिखा रहा है. अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप सीरिया के साथ व्यापार करने और डील करने की बात कर चुके हैं. साथ ही सऊदी अरब में ट्रंप और मोहम्मद जोलानी के बीच मीटिंग भी हो चुकी है. 

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