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Telangana: आसिफाबाद में दलित महिला के साथ रेप की कोशिश, लोगों ने लगाई दुकानों में आग

Telangana Rape: तेलंगाना के आसिफाबाद में एक ऑटो ड्राइवर ने दलित महिला का रेप करने की कोशिश की. महिला अस्पताल में भर्ती और इलाके का माहौल काफी संजीदा है. पूरी खबर पढ़ें.
 

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Telangana: आसिफाबाद में दलित महिला के साथ रेप की कोशिश, लोगों ने लगाई दुकानों में आग
Sami Siddiqui |Updated: Sep 05, 2024, 08:31 AM IST
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Telangana Rape: तेलंगाना के आसिफाबाद जिले में बुधवार को तनाव बढ़ गया, क्योंकि एक ग्रुप ने एक आदिवासी महिला के साख एक रेप करने की कोशिश की. जैनूर कस्बे से प्राप्त फुटेज में भीड़ के जरिए दुकानों और घरों में आग लगी हुई दिख रही है और घना धुआं उठता हुआ दिख रहा है. व्यवस्था बहाल करने की कोशिश में इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि प्रशासन ने बुधवार को कर्फ्यू भी लगा दिया है.

तेलंगाना के आसिफाबाद में बिगड़े हालात

कस्बे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी की गई है और अफवाहों और फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं.

हालात को किया जा रहा है नॉर्मल

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बाद में हालात कंट्रोल में आ गए. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और व्यवस्था बनाए रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को भी बुलाया गया है.

क्या है पूरा मामला?

पीटीआई ने बताया कि 31 अगस्त को तेलंगाना के कुमुराम भीम आसिफाबाद जिले के जैनूर मंडल में एक ऑटो-रिक्शा चालक के जरिए 45 साल की आदिवासी महिला के साथ बलात्कार की कोशिश की गई, जब महिला ने शोर मचाया, तो चालक ने कथित तौर पर उसे डंडे से मारकर जान से मारने की कोशिश की, जिससे वह सड़क पर बेहोश हो गई. महिला को हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

होश में आने के बाद महिला ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. पीटीआई ने एक सीनियर पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न, हत्या की कोशिश और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

घटना के बाद आदिवासी संगठनों ने बंद का आह्वान किया, जिसमें बड़ी तादाद में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए. आरोपी के दूसरे समुदाय से होने के कारण विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया. गुस्साए लोगों ने दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आग लगा दी और एक धार्मिक स्थल पर पथराव किया, जिससे दोनों समुदायों के बीच झड़प हो गई.

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