Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आर.आर. स्वैन ने शनिवार को कहा कि पुलिस विभाग शून्य घुसपैठ, शून्य हथियार/गोला-बारूद की तस्करी, शून्य नशीले पदार्थों और शून्य आतंक फिनांसिंग सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा. उन्होंने मीडिया से कहा, "आतंकवाद और भ्रष्ट तंत्र आपस में जुड़े हुए हैं, लेकिन हम इसे तोड़ देंगे. और सबसे अहम बात यह है कि हम उस कथा, विचारधारा और दर्शन के खिलाफ काम करेंगे जो आतंकवाद को सही ठहराता है, उसकी तारीफ करता है, सपोर्ट करता है और कानूनी बनाता है."
अवाम के सपोर्ट की जरूरत
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस जनता के फायदे के लिए अपने कामों को तरजीह देते हुए कई किरदार अदा कर रही हैं और इस काम में कुछ क्षेत्रों में कमी हो सकती है, जिनमें सुधार किया जा रहा है. डीजीपी ने कहा कि जनता के सपोर्ट और साथ के बिना अच्छे नतीजे मुम्किन नहीं है. डीजीपी ने कहा, "कानून का पालन करने वाले लोगों के लिए काम करना हमारा मकसद है." कानून-व्यवस्था की हालत के बारे में डीजीपी ने कहा कि 2023 में शून्य पथराव दर्ज किया गया.
आतंक के इकोसिस्टम को खत्म करेंगे
व्यक्तिगत आतंकी घटनाओं के ताल्लुक से डीजीपी ने कहा कि प्रगति को व्यक्तिगत घटनाओं के ताल्लुक से नहीं, बल्कि पूरी गिरावट के संदर्भ में देखा जाता है. उन्होंने कहा, "हमारे पास एक योजना है, जो पिछले चार सालों से चल रही है और इस पर काम किया जा रहा है. उस योजना की खास बातें यह हैं कि हम आतंक के इकोसिस्टम को खत्म करने के जरिए से मूल रूप से समस्या का समाधान करने की कोशिश करते हैं, जिसमें भर्ती करने वाले लोग शामिल हैं. जो लोग ऐसा करने की कोशिश करते हैं हथियार गोला-बारूद/साजोसामान सहायता प्रदान करें, जो लोग घुसपैठ में मदद करने की कोशिश करते हैं और जो लोग यह पहचानने में मदद करते हैं कि किसे मारा जाना है.”
आतंकवाद का जवाब
उन्होंने कहा कि हालिया कत्ल में शामिल अपराधियों की पहचान कर ली गई है. मकामी लोगों के आतंकी समूहों में शामिल होने के ताल्लुक से डीजीपी ने कहा कि मकामी लोगों के आतंकी ग्रुपों में शामिल होने का ग्राफ बहुत कम है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा आतंकवादियों को यहां भेजने की कोशिश करेगा और हर कोशिश का ज्यादा लचीलेपन, समझदारी और व्यवस्थित तरीके से जवाब दिया जाएगा.
इंसाफ होगा तो तरक्की होगी
उन्होंने कहा, "हम अपने नागरिकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनके पास डरने की कोई वजह नहीं है, कानून प्रवर्तन, सरकार के सभी हथियार और पंख और संसाधन उनके साथ हैं."
डीजीपी ने कहा, "विचार यह है कि एक बार शांति और स्थिरता होगी, तो शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, आर्थिक गतिविधियां, व्यवस्था सुधरेंगी, न्याय होगा और अगर ऐसा नहीं होगा तो दूसरी तरफ सब कुछ बिखर जाता है, शिक्षक स्कूल नहीं जाता, सरकारी कर्मचारी भ्रष्ट हो जाता है और पुल, सड़क, अस्पताल बनाए बिना पैसा हजम कर लेता है, मगर हम इसे सफल नहीं होने देंगे.''
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