Isreal Hamas Deal: हमास और इजरायल के बीच साल 2023 में जंग शुरू हुई थी, जो लगभग 15 महीने तक चली थी. बाद में कतर और यूनाइटेड अरब अमिरात ने दोनो पक्षों को जंग रोकने और बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने के लिए तैयार किया. इस साल के जनवरी महीने में कतर और यूएई की कोशिश कामयाब हुई यानी इजरायल और हमास युद्धविराम समझौते के लिए तैयार हो गए. इस साल 9 जनवरी से दोनो पक्षों के बीच पहले चरण का सीजफायर लागू हो गया था. यूद्धविरमा समझौते को तीन चरणों में बाटा गया है. बाता दें, सीजफायर का पहला चरण शनिवार 29 फरवरी को खत्म होने वाला था. खबर है कि दूसरे चरण की सीजफायर पर मिस्र की राजधानी काहिरा में कतर, UAE, हमास और इजरायल की डेलिगेशन के बीच बातचीत हो रही है.
दरअसल, बृहस्पतिवार 27 फरवरी को हमास ने 600 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले 4 इजरायली बंधकों के शव को रेड क्रॉस के हवाले कर दिया था. साथ ही हमास के एक अफसर ने अपने एक बयान में कहा कि हमास दूसरे चरण के सीजफायर के लिए तैयार है. मिस्र की राजधानी काहिरा में हमास और इजरायल के साथ समझौताकर्ता देश जंगबंदी की अगले दौर की शर्तों पर बातचीत कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मिस्र के एक अफसर ने कहा कि मध्यस्थ गाजा पट्टी में ह्यूमेनिटेरियन ऐड की डिलीवरी बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा कर रहे हैं, जिससे गाजा के लोगों की पीड़ा को कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने के तरीकों पर भी चर्चा चल रही है.
सीजफायर की अगले चरण का मकसद जंग को खत्म करने की कोशिशों को तेज करना है. बात दें, तीसरे चरण की जंगबंदी में बाकी के बचे मरे बंधकों की शव की वापसी होगी. इजरायली सरकार के मुताबिक हमास के कैद में अभीभी 59 इजरायली बंधक मौजूद हैं. इजरायल का मानना है कि सभी बंधक जिंदा हैं.
गौरतलब है कि इजरायल के PM बेंजामिन नेतन्याहू के युद्धविराम समझौते की शर्तों के साथ जंगबंदी करा पाना मुश्किल लग रहा है. बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के मिलिट्री पावर को खत्म करने की मांग की है. नेतन्याहू के इस मांग के बाद सीजफायर समझौता टूटने का डर बना हुआ है. ध्यान देने वाली बात यह है कि जंग में भारी नुकसान झेलने के बाद भी हमास कमजोर नहीं दिख रहा है. हमास ने हथियार छोड़ने की किसी भी शर्त को सिरे से नकार दिया है.