Arab countries against Israel: इजरायल आए दिन अपने पड़ोसी मुस्लिम मुल्कों पर इल्जाम लगाकर हमले करता रहता है. गज़ा, लेबनान,यमन और ईरान के बाद इजरायल ने सीरिया पर हमले शुरू कर दिया है. इजरायल का कहना है कि वह सीरिया के अल्पसंख्यक ड्रूज़ समुदाय की रक्षा के लिए ये हमले कर रहा है. इस हमले के बाद अरब मुल्कों में इजरयल के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है. तुर्की समेत 10 अरब देशों ने एक सामूहिक बयान जारी किया है. इस बयान में सीरिया पर इजरायली हमले की निंदा की गई है. इसके साथ ही अंतराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल के खिलाफ बड़ी अपील की गई है.
जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, इराक, ओमान, कतर, कुवैत, लेबनान, मिस्र और तुर्की के विदेश मंत्रियों ने बीते गुरुवार (17 जुलाई) को एक सामूहिक बयान में सीरिया की सुरक्षा, एकता, स्थिरता और संप्रभुता के प्रति समर्थन व्यक्त किया है. इन सभी मुस्लिम मुल्कों ने सीरिया के आंतरिक मामलों में किसी भी विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप को अस्वीकर किया है.
बयान में सीरिया पर इजारयली हमले की निंदा की गई है और इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया गया है. इसके साथ ही इन अरब देशों के विदेश मंत्रियों ने "सुवैदा में संकट को समाप्त करने के समझौते का स्वागत किया है.
विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से गुजारिश की है कि वह कब्जे वाले सीरियाई क्षेत्रों से इज़राइल की वापसी सुनिश्चित करें. साथ ही सीरिया के खिलाफ हमले और उनके आंतरिक मालमों में दखल देने से इजरायल को रोकने की मांग की है. सीरिया और इजरायल के बीच साल 1974 में हुए सीमा समझौत, जिसे डिसएंगेजमेंट एग्रीमेंट के नाम से जाना जाता है, उसे लागू करने की मांग की गई है. सीरिया के पुनर्निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सीरियाई की जुलानी सरकार का समर्थन करने की अपील की है.