UN के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सीरिया के तटीय इलाकों दिन पर दिन बढ़ रही हिंसा पर गहरी चिंता जताई हैं. जहां बड़े पैमाने पर कत्लेआम हुए हैं. इन नरसंहार में एक यूनाइटेड नेशन का कर्मचारी भी शामिल था. जराए की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक यूनाइटेड नेशन के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया, "महासचिव ने उन सभी सीरियाई लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है, जिन्होंने अपनो को खो चुके हैं. साथ ही घायलों के जल्द ठीक होने के लिए दुआ की है.
एंटोनियो गुटेरेस ने की ये अपील
गुटेरेस ने सभी पक्षों से अपील की है कि वह आवाम की सुरक्षा करें और हिंसा भड़काने वाली बयानबाजी को रोकें. सीरिया में 14 सालों से जारी संघर्ष के बीच उन्होंने समुदायों के बीच बढ़ते तनाव पर भी चिंता व्यक्त की हैं. प्रवक्ता ने कहा, "यूनाइटेड नेशन के प्रमुख ने रक्तपात को तुरंत रोकने और हिंसा करने वालों को सजा दिलाने की मांग की हैं. सीरिया के लोगों की चिंताओं को गंभीरता से सुना जाना चाहिए."
शांति के लिए समिति का होगा गठन
दुजारिक ने कहा, "महासचिव ने कार्यवाहक अधिकारियों द्वारा एक जांच समिति और तमाम आवाम में शांति को बनाए रखने के लिए एक समिति की घोषणा का संज्ञान लिया हैं. सीरिया में शांति के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी न्याय प्रक्रिया हो और सुलह होना बहुत जरुरी हैं." सीरिया के दो गुटों लटाकिया और टार्टूस प्रांतों में बड़े पैमाने पर हत्याओं और झड़पों की खबरों के बीच प्रवक्ताओं का यह बयान आया हैं.
सैकड़ों लोगों की हो चुकी हैं मौत
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता दुजारिक ने बताया कि चल रहे हिंसा के वजह से आम नागरिकों और बुनियादी ढांचे पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. रविवार यानी की 09 मार्च तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी थी, जिनमें महिलाएं, बच्चे और चिकित्सा कर्मी शामिल हैं. हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं, और कई लोग लेबनान चले गए हैं.
हिंसा की वजह से हुए सभी सड़के खराब
उन्होंने कहा कि लटाकिया प्रांत में बिजली कटौती के कारण जल आपूर्ति बाधित हुई है। लटाकिया और टार्टूस में रविवार और सोमवार को स्कूल बंद रहे हैं. हिंसा के चलते होम्स-लटाकिया राजमार्ग बंद है, जिससे मानवीय सहायता पहुंचाने में दिक्कत हो रही हैं. इलाके के छह प्रमुख अस्पताल और कई एंबुलेंस बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अन्य चिकित्सा केंद्रों को तुरंत दवाइयों और सहायता की जरूरत है.
गुटेरेस ने झूठी खबरों के प्रसार और बढ़ते तनाव को देखते हुए स्वतंत्र मीडिया और मानवाधिकार संगठनों के लिए सुरक्षित माहौल बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि हालात की पूरी तरह से सही जांच हो सके.