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One Nation One Election: क्या देश में लागू हो जाएगा 'वन नेशन वन इलेक्शन'; कैबिनेट ने दी प्रस्ताव को मंजूरी

One Nation One Election: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर बनी कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को 18 सितंबर को ही केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. आज केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में एक बैठक बुलाई और 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल को मंजूरी दे दी.  

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One Nation One Election: क्या देश में लागू हो जाएगा 'वन नेशन वन इलेक्शन'; कैबिनेट ने दी प्रस्ताव को मंजूरी
Md Amjad Shoab|Updated: Dec 12, 2024, 08:09 PM IST
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One Nation One Election: संसद के विंटर सेशन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई. बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल को मंजूरी दे दी. इस बिल को केंद्र सरकार मौजूदा सेशन में सदन में पेश कर सकती है. वहीं,  32 सियासी दलों ने  इस बिल का समर्थन किया है, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत 15 दलों ने इस बिल का विरोध किया है.

इस बैठक से पहले 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर बनी पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द कमेटी की रिपोर्ट को 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. पूर्व राष्ट्रपति ने तब कहा था, "हमारी परामर्श प्रक्रिया के दौरान, 47 सियासी दलों ने कमेटी के सामने अपने विचार प्रस्तुत किए. इन 47 दलों में से 32 दलों ने एक साथ चुनाव के विचार का समर्थन किया. जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया."

कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को किया खारिज
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और सीपीआई (एम) ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान की बुनियादी संरचना को कमजोर करता है. हालांकि, 15 दलों में से बीएसपी ने साफ तौर पर इसका विरोध नहीं किया. वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा कि अगर एक साथ चुनाव लागू किया जाता है, तो राज्य-स्तरीय पार्टियां चुनावी रणनीति और खर्च के मामले में राष्ट्रीय पार्टियों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगी, जिसकी वजह से विवाद बढ़ जाएगा.

बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही के आगे नहीं झुकेगा: ममता
पश्चिम बंगाल की सीएम व टीएमसी प्रमुख ममता ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विरोध करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया. टीएमसी नेता ने लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के फैसले को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और राज्य विधानसभाओं ने इस कदम को "असंवैधानिक और संघीय-विरोधी" करार दिया.

बंगाल में सीएम ने X पर एक पोस्ट आरोप लगाया कि प्रस्तावित कानून-'एक राष्ट्र, एक चुनाव' सत्ता को केंद्रीकृत करने और भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने की एक कोशिश है. उन्होंने कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक्सपर्ट्स और विपक्षी नेताओं द्वारा उठाई गई हर वैध चिंता को नजरअंदाज करते हुए असंवैधानिक और संघीय-विरोधी एक राष्ट्र, एक चुनाव बिल को अपना रास्ता बना लिया है. हमारे सांसद संसद में इस कठोर कानून का पुरजोर विरोध करेंगे. बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे नहीं झुकेगा. यह लड़ाई भारत के लोकतंत्र को निरंकुशता के चंगुल से बचाने के बारे में है!" 

यह बिल क्षेत्रीय आवाजों को दबाने के लिए है: सीएम स्टालिन
वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ कदम है, जो क्षेत्रीय आवाजों को मिटाने के लिए उठाया गया है. स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "यह अव्यवहारिक और अलोकतांत्रिक कदम क्षेत्रीय आवाजों को मिटा देगा, संघवाद को खत्म कर देगा और शासन को बाधित कर देगा. उठो  भारत!"

पीएम मोदी छह साल कर रहे हैं 'वन नेशन वन इलेक्शन' की चर्चा   
 उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर 2019 में 73वें 'स्वतंत्रता दिवस' के मौके पर एक देश में एक चुनाव को लेकर खिताब किया था. तब से लेकर पीएम ने कई मौकों पर 'एक देश एक चुनाव' की बात की है. वन नेशन, वन इलेक्शन का मतलब देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे. अभी आम चुनाव यानी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव पांच साल के अंतराल में होते हैं, जिसकी व्यवस्था पहले से भारतीय संविधान में है. 

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