Hamas-Israel Conflict: अमेरिकी दूत के जरिए पेश किए गाजा सीजफायर समझौते पर हमास ने अपना जवाब दिया है और गाजा में शांति कायम करने के लिए युद्ध को खत्म करने की बात दोहराई है. वही हमास के इस कदम को अमेरिकी दूत स्टीव विटफॉक ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है और कहा है कि यह हमे पीछे की ओर ले जाता है. आज हम आपको ऐसे प्वाइंट्स बताएंगे जो बताएंगे कि गाजा में सीजफायर होना इतना मुश्किल क्यों है?
गाजा में क्यों नहीं हो पा रहा है सीजफायर?
- हमास की स्थायी सीजफायर की मांग: हमास केवल उस प्रस्ताव को स्वीकार करेगा जिसमें स्थायी युद्धविराम की गारंटी हो.
- अमेरिका और इस्राइल पहले 60 दिन के सीजफायर के पक्ष में हैं, उसके बाद ही स्थायी समाधान की बातचीत करना चाहते हैं.
- हमास चाहता है कि इस्राइली सेना पूरी तरह गाज़ा से हटे, जबकि इस्राइल इसके लिए तैयार नहीं है.
- दोनों पक्षों की शर्तें बंधकों की संख्या और कैदियों की रिहाई को लेकर मेल नहीं खा रही हैं.
- हमास को भरोसा नहीं कि अस्थायी सीजफायर के बाद स्थायी समाधान मिलेगा, जबकि इस्राइल हमास की मांगों को सुरक्षा के लिए खतरा मानता है.
- कतर, मिस्र और अमेरिका जैसे मध्यस्थ देशों की कोशिशों के बावजूद कोई सर्वमान्य फॉर्मूला नहीं निकल पा रहा.
- इस्राइल हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बना रहा है, जिससे माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है. नेतन्याहू ने सीधे तौर पर कहा है कि वह मिलिट्री के जरिए हमास पर दबाव बनाएंगे.
नए प्रस्ताव पर हमास ने क्या कहा?
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने कहा है कि मध्यस्थ देशों यानी कि कतर और मिस्र को दिए गए प्रस्ताव का मकसद गाजा में जल्द और स्थायी सीजफायर, गाजा से इजरायली सेना की वापसी और गाजा के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाना है. इसके साथ ही रिपोर्ट में हमास द्वारा दी गई प्रतिक्रिया को साकारात्मक बताया गया है.
हमास की प्रतिक्रिया पर अमेरीकी दूत का जवाब
हमास ने अपने बयान में कहा है, "इस समझौते के तहत जीवित 10 इजरायली कैदियों को रिहा किया जाएगा और 18 शवों को लौटाया जाएगा, जिसके बदले में 125 फिलिस्तीनी कैदी और1,111 गाजावासियों को रिहा किया जाए." लेकिन, विटकॉफ ने हमास की इस प्रतिक्रिया को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, " उन्हें हमारे प्रस्ताव को कबूल करना चाहिए, ताकि जल्द बातचीत शुरू की जा सके."
विटफॉक का पोस्ट
अमेरीका के दूत स्टीव विटफॉक ने अपने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट कर लिखा है, "मैंने अमेरिका के प्रस्ताव पर हमास की प्रतिक्रिया प्राप्त की है, जो की पूरी तरह अस्वीकार्य है और यह सिर्फ हमें पीछे की तरफ ले जाती है. हमास को हमारे द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को निकटस्थ बातचीत के आधार में स्वीकार करना चाहिए, जिसे हम आने वाले हफ्ते में तुरंत शुरू कर सकते हैं."
हमास की स्थायी सीजफायर की मांग
अमेरिकी प्रस्ताव के मुताबिक स्थायी सीजफायर पर बातचीक 60 दिन के सीजफायर लागू होने के बाद की जाएगी. हालांकि इस प्रस्ताव में स्थायी सीजफायर की कोई गारंटी नहीं है. वही CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी समझौते के जवाब में हमास ने स्थायी सीजफायर की मांग की है, जिसे विटफॉक ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है.