Veer Abdul Hamid: परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम से आखिर किसी को क्या समस्या होगी. उनसे जुड़े एक स्कूल का नाम बदल दिया गया है. अब ये पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय के तौर पर जाना जाएगा. इस पूरे मसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. शहीद के परिवार ने नाराजगी का इजहार किया है और साथ ही स्थानीय लोग भी इस कदम से नाराज हैं. उन्होंने फोन करते हुए बीएसए से शिकायत की है.
धामुपुर गांव के रहने वाले वीर सपूत अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाकिस्तान जंग में हिस्सा लिया था. उन्होंने पाकिस्तान के टैंकों को तबाह कर दिया था. उनके पौत्र जमील आलम का कहना हैकि गांव के विद्यालय का नाम शहीद अब्दुल हमीद के नाम पर किया गया था, लेकिन स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन ने अपनी मनमानी को चलाते हुए इसे बदल दिया.
जमील ने स्कूल प्रशासन के इस फैसले को शहीद का अपमान करार दिया है. उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस मामले को लेकर बात की और शिकायत दर्ज कराई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसए हेमंत राव ने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें बताया कि अभिलेखों में कभी भी इसे वीर अब्दुल हमीद के नाम से अंकित नहीं किया. उन्होंने आगे कहा कि यह स्कूल 2019 से चल रहा है. मैं इसे खुद जाकर देखूंगा. शहीद का सम्मान सबसे पहले है.
अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई 1933 को उत्तर प्रदेश राज्य के गाजीपुर जिले के गांव धामपुर में हुआ था. उनकी मां सकीना बेगम थीं और उनके पिता मोहम्मद उस्मान एक दर्जी थे. हामिद कपड़े सिलकर अपने पिता के व्यवसाय में मदद करते थे. हामिद दिसंबर 1954 में सेना में शामिल हुए और ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट की चौथी बटालियन में तैनात हुए.
9-10 सितम्बर 1965 को असल उत्तर की लड़ाई में हामिद ने आठ पाकिस्तानी टैंक तबाह कर दिए थे और नौवें टैंक को तबाह करते वक्त वे शहीद हो गए थे.