SEBI chief Madhabi Puri Buch: अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग ने इल्जाम लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में शामिल ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. इसके बाद देश में हंगामा मच गया है. एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है. वहीं दूसरी तरफ हिंडनबर्ग के रिसर्च को साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है.
हिंजनबर्ग के रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
हिंडनबर्ग के मुताबिक, व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों और दूसरे जांचों के आधार पर, माधबी और धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ एक खाता खोला. IIFL के एक प्रिंसिपल के जरिए एक घोषणा में दावा किया गया कि निवेश का स्रोत 'वेतन' था और दंपति की कुल संपत्ति का अनुमान $10 मिलियन था. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर कौन है माधुबी बुच और उनके पति धवल बुच, जिनको लेकर हिंडनबर्ग ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.
माधबी पुरी बुच कौन हैं?
माधबी पुरी बुच ने 2 मार्च, 2022 को सेबी की चेयरपर्सन के रूप में कार्यभार संभाला. वह पहले सेबी में सदस्य के रूप में कार्यरत थीं, जहाँ उन्होंने मार्केट रेगुलेशन, निवेश प्रबंधन और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख विभागों की देखरेख की थी. बुच को अंतरराष्ट्रीय अनुभव है, उन्होंने शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक के लिए सलाहकार के रूप में और निजी इक्विटी फर्म ग्रेटर पैसिफ़िक कैपिटल के लिए सिंगापुर कार्यालय के प्रमुख के रूप में काम किया है. वह आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की प्रबंध निदेशक और सीईओ थीं और उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड में कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया. बुच के पास आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए और सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से गणित में डिग्री है.
कौन हैं धवल बुच?
धवल बुच ब्लैकस्टोन और अल्वारेज़ एंड मार्सल में सीनियर सलाहकार हैं. वह गिल्डन के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम करते हैं. बुच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT-D) के पूर्व स्टूडेंट हैं, जहाँ से उन्होंने 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था. उन्होंने यूनिलीवर में कार्यकारी निदेशक का पद संभाला और आखिर में कंपनी के मुख्य खरीद अधिकारी बन गए.