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Bangladesh News: शेख हसीना को छोड़ना होगा कंफर्ट जोन! भारत से यूनुस करेंगे ये मांग

Bangladesh News: मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि वह भारत से कहेंगे कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजे. शेख हसीना बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के बाद भारत आ गई थीं.

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Bangladesh News: शेख हसीना को छोड़ना होगा कंफर्ट जोन! भारत से यूनुस करेंगे ये मांग
Siraj Mahi|Updated: Nov 18, 2024, 08:07 AM IST
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Bangladesh News: बीते अगस्त महीने में बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. इसके बाद उस वक्त की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आ गई थीं. अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने रविवार को कहा है कि आने वाले सरकार भारत से कहेगी कि वह शेख हसीना को दोबारा बंग्लादेश भेजे. बांग्लादेश के गठन के 100 साल पूरे होने पर यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश लोगों के और अल्पसंख्यकों के तहफ्फुज के लिए कोशिश जारी रखेंगे.

हसीना को वापस भेजे भारत
यूनुस ने कहा कि "हमें हर मौत का इंसाफ सुनिश्चित करना है... हम भारत से यह भी कहेंगे कि वह दिवंगत तानाशाह शेख हसीना को वापस भेजे." उनकी बयान उस बयान का यू-टर्न लगता है जिसमें उन्होंने पिछले महीने कहा था कि उनकी सरकार भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की तत्काल मांग नहीं करेगी. उन्होंने अखबार को दिए एक इंटरव्यू में ये बात कही थी.

1500 लोगों की हुई थी मौत
मोहम्मद यूनुस, जिन्होंने 8 अगस्त को पदभार ग्रहण किया, उन्होंने कहा है कि हसीना सरकार के खिलाफ विरोध के दौरान 1500 लोगों जिनमें स्टूडेंट भी शामिल है की जान चली गई. इसके साथ ही 19931 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार हर मौत के बारे में जानकारी जमा करने में बहुत सावधान है." उन्होंने कहा कि सरकार ने घायलों के लिए अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की है, जिनमें ढाका के 13 अस्पताल भी शामिल हैं.

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रिजर्वेशन पर बवाल
आपको बता दें कि सरकारी नौकरियों में जिरजर्वेश के खिलाफ स्टूडेंट के विरोध प्रदर्शन के दौरान शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वह भारत आ गई थीं. वह 5 अगस्त को भारत आई थीं. बताया जा रहा था कि शेख हसीना लंदन चली जाएंगीस लेकिन वह किसी नामालूम जगह पर स्थानांतरित कर दी गईं. तब से उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया.

हसीना सरकार पर इल्जाम
हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं पर विरोधी छात्र आंदोलन के दमन का आदेश देने का इल्जाम है, जिसके नतीजे में जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई लोग मारे गए. उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, "हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि देश का कोई भी नागरिक, हिंसा का शिकार न बनें. हम ये कोशिश जारी रखेंगे."

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