Azadi Ka Amrit Mahotsav: गांधी और इरविन के बीच हुए समझौते का कांग्रेस नेताओं के बहुमत में स्वागत किया लेकिन युवा कांग्रेसी इस समझौते से इसलिए असंतुष्ट थे क्योंकि गांधीजी भगत सिंह को फांसी से नहीं बचा पाए. यहीं कारण रहा की साल 1931 में हुए कांग्रेस के कराची अधिवेशन में जब महात्मा गांधी पहुंचे तो उन्हें काले झंडे दिखाए गए और उनकी गाड़ी पर बम फेंका गया. हमले में गांधी जी बच गए और भीड़ के सामने आकर एक बात बोली. "तुम गांधी को तो मार सकते हो लेकिन गांधीवाद को नहीं. लेकिन महात्मा गांधी पर ऐसे आरोप क्यों लगे जानिए इस अंक में.....
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos